सितंबर महीने की नौ तारीख भारतीय इतिहास में एक रोचक और विस्मयकारी घटना है। आज की तारीख कई दिलचस्प तथ्यों को लिए हुए है।
* तीन बार एक ही अंकों का योग सैकड़ों सालों बाद बनता है। 999 का ऐसा ही योग 100 सालों बाद बन रहा है।
* इन तीनों का योग 27 आता है जिसमें 2+7 का अंतिम योग भी 9 आ रहा है।
* अंक ज्योतिष के अनुसार 9 अंक मंगल का है और इसी दिन शनि सिंह राशि से कन्या राशि में प्रवेश कर रहा है। इस प्रकार मंगल और शनि के मेल का यह बेहद शुभ संयोग है।
* 9 बजकर 9 मिनट और 9 सेकेंड पर छह नौ एक साथ होंगें।
* जिन लोगों का जन्म 9, 18 व 27 तारीख को हुआ है और जो 21 मार्च से 26 अप्रैल व 21 अक्टूबर से 25 नवंबर के बीच जन्मे हैं उनके लिए यह योग विशेष प्रभावकारी साबित होगा।
* इस योग का प्रभाव देश एवं राज्य में मंगल व शनि के योग के कारण विशेष शुभकारी है लेकिन इसके साथ ही कुछ बड़ी घटनाएँ होने की भी संभावना बन रही है। देश एवं राज्य के राजनीतिक गलियारों में किसी बड़ी घटना के घटित होने की संभावना है।
* जिनकी कुंडली में मंगल शुभ है उन्हें हुनमान जी की आराधना करने से अधिक लाभ होगा।
* जिनकी कुंडली में मंगल अशुभ है वे गु़ड़-चने का दान करके अशुभ फल को कम कर सकते हैं।
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* बुधवार, नौ तारीख को जन्म लेने वाले शिशु अत्यधिक भाग्यशाली होंगे। इन शिशुओं का जीवन सुखमय व उत्तम रहेगा। ये बच्चे निडर, बड़े निर्णय लेने वाले, जिद्दी एवं अनुशासनप्रिय होंगे।
* इस दिन जन्मा शिशु आने वाले समय में बड़े पदों पर पहुँचकर देश में बड़ा परिवर्तन लाएगा। इसके लिए आवश्यक है कि माता-पिता उन बच्चों के भविष्य को संवारने की कोशिश करें।
* तारीख 9/9/09 का योग 27 है । 27 अंक को फिर से जोड़ने पर नौ अंक प्राप्त होता है यानी कि योग हुआ नौ ।
* नौ सितंबर साल का 252वाँ दिन है। 252 का योग भी नौ ही होता है।
* Wednesday को पड़ रहे 9 सितंबर में 9 अक्षर हैं और सितंबर में भी 9 ही अक्षर होते हैं।
* यह पल गत शताब्दी में ठीक सौ साल बाद यानी कि इससे पहले 1909 में आया था और आज के बाद फिर अगली शताब्दी के वर्ष 2109 में आएगा।
* 999 ईसाइयों में पिशाच की मान्यता वाले अंक 666 का उलटा अर्थात शुभ अंक है।
* नौ को किसी संख्या से गुणा करने पर गुणनफल का योग 9 ही आता है।
* ग्रह की कक्षा 360 डिग्री की होती है जिसके अंकों का योग भी 9 होता है।
* हिंदू पौराणिक कथाओं में 9 अंक शुभ माना जाता है तभी हम नवरात्रि में दुर्गाजी के नौ अवतार और नवग्रह में भी 9 अंक की महत्ता देखते हैं।
* हिंदुओं के महान ग्रंथ भगवत गीता में 18 अध्याय हैं जिनका योग भी 9 ही होता है।
* अकबर के दरबार में 8 या दस नहीं, बल्कि नौ रत्न शामिल थे।
* भारतीय पौराणिक कथाओं में नौलखा हार का अपना ही महत्व है।