ये सावधानी रखें : यदि आपको शनि की उल्टी चाल से बचकर रहना है तो शनि के मंदे कार्य न करें। मंदे कार्य अर्थात जुआ सट्टा खेलना, शराब पीना, पराई महिला के बारे में सोचना, गरीब और सफाईकर्मी को सताना, किसी को भी सताना, देवी देवताओं का अपामान करना और ब्याज लेना।
1. मिथुन राशि : आपके आठवें और नौवें भाव के स्वामी शनि का नौवें भाव में वक्री गोचर होगा। इससे भाग्य का साथ नहीं मिलेगा। आत्मविश्वास में कभी हो जाएगी। नौकरी में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। व्यापार में घाटा हो सकता है। धन हानि के चलते आपके कई कार्य अटक जाएंगे। यात्रा करने से बचें। जीवनसाथी से किसी प्रकार का विवाद न करें।
2. सिंह राशि : आपकी कुंडली के छठे और सातवें भाव के स्वामी शनि का सातवें भाव में वक्री गोचर होगा। अपनी वाणी पर संयम रखें। जीवनसाथी से किसी प्रकार का विवाद हो सकता है। नौकरी में भी विवाद से बचकर रहें। कारोबार में कुछ असफलताओं का सामना करना पड़ सकता है इसलिए आपको सतर्कत से काम लेना होगा। किसी को पैसा उधार न दें। रिश्ते और सेहत का ध्यान रखें।
4. कुंभ राशि : आपकी राशि के पहले और बारहवें भाव के स्वामी शनि का पहले भाव में वक्री गोचर होगा। इसके चलते नौकरी में बदलाव का मन बनेगा। फिलहाल इसे स्थगित करना चाहिए। व्यापार में घाटा होने की संभावना है। प्रगति की रफ्तार भी धीमी रह सकती है। अनावश्यक खर्चों के कारण आप परेशान रहेंगे। रिश्ते में पार्टनर से असंतुष्ट दिखाई दे सकते हैं। सेहत का ध्यान रखें।