कन्या-प्रेम संबंध
कन्या राशि के जातकों में प्रेम के साथ ही मस्तिष्क में उत्तरदायित्वों की भावना भी रहती है। वे प्रेम को शिक्षण, लाभ, साहसिकता की सघनता एवं उत्तरदायित्वों का स्वागत करने वाला मानते हैं। वे सैक्स तथा प्रेम में चिंतन विश्लेषणसे काम लेते हैं। उनकी दृष्टि में सैक्स और प्रेम शारीरिक न होकर मानसिक प्रक्रिया होती है। अपने साथी के साथ प्रसन्नता का आदान-प्रदान कन्या राशि वालों को रुचिकर लगता है। कन्या राशि के लोग गुणों पर अधिक बल देते हैं। उनकी यह प्रवृत्ति उन्हें लक्ष्य से वंचित भी किया करती है। उनके लिए मानसिक लगाव की समाप्ति एक प्रकार से प्रेम संबंध की समाप्ति होती है। उन्हें प्रेम की वैधता ही संतुष्टि एवं प्रसन्नता प्रदान करती है। विपरीत लिंग से संबंध कन्या राशि के लोग आयु में अपने से बड़े विपरीत लिंगी लोगों के प्रति आकर्षित हुआ करते हैं। उनके मन में अज्ञान के प्रति एक प्रकार का भय समाया रहता है। उन्हें निरंतर सुरक्षा की आवश्यकता होती है। कन्या राशि वालों को दूसरों को प्रसन्न रखने में अत्यन्त प्रसन्नता होती है। मानसिक रूप से वृश्चिक राशि वालों के प्रति तथा शारीरिक रूप से मकर राशि वालों के प्रति आकर्षित होते हैं। उनका यह योग सफल होता है। ।