कन्या-स्वभावगत कमियां
कन्या राशि वाले अत्यधिक स्वार्थी होते हैं। ये दूसरों की सलाह को भी महत्व नहीं देते हैं, जिसकी वजह से नुकसान उठाते हैं। इन्हें दूसरों की खिल्ली उड़ाने में बड़ा मजा आता है, जो संबंधों को खराब करता है। बात को बढ़ा-चढ़ाकर कहने की आदत इनके लिए कभी-कभी हास्यास्पद स्थिति पैदा कर देती है। उतावलेपन और जल्दबाजी के कारण मुसीबत में फंस जाते हैं। इनके लिए आंतरिक व्यक्तित्व के तर्क, आज्ञा एवं स्पष्टता की कामना यदि चरम सीमा पर न पहुंचे तो वह आत्म प्रतिकार का रूप ग्रहण कर लेती है। आलोचना के द्वारा वह अपने निकटवर्तियों से दूर हटता चला जाता है तथा संकटों की सृष्टि कर लेता है। कमियों से बचने के उपाय कन्या राशि का स्वामी बुध है, जो पृथ्वी तत्व प्रधान ग्रह है। ये अगर भावुकता में न बहकर निश्चयी बनकर प्रयत्न करेंगे, तो सफलता इनके कदम चूमेगी। इन्हें राम, कृष्ण, गणेश, दत्त, ओम या इष्ट देव का जप करना चाहिए, जिससे दुःख दूर होगा। धन के लिए लक्ष्मी की उपासना लाभकारी है। बुधवार का व्रत हमेशा लाभकारी होता है। कन्या राशि वालों के लिए मूंग, हरा वस्त्र, कपूर, फल-फूल एवं हरी वस्तुओं का बुधवार को दान देना उत्तम फलप्रद है। 'ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः' - इस मंत्र का 9,000 जाप करना मनोकामना पूर्ति करने में सहायक है।।

राशि फलादेश