कहते हैं जीवन और मृत्यु पर किसी का बस नहीं चलता। ईश्वर की बनाई इस व्यवस्था में हस्तक्षेप कर जीवन के आरंभ और अंत को रोका नहीं जा सकता, लेकिन पुरातन विधाओं या पद्धतियों के माध्यम से इसके बारे में जाना अवश्य जा सकता है। इन्हीं में एक प्रमुख विधा ज्योतिष है, जिसमें विज्ञान और धर्म का सम्मिश्रण देखने को मिलता है, शायद यही कारण है कि ज्योतिषीय आधार पर की जाने वाली भविष्यवाणियों सही साबित हो जाती हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की मृत्यु को लेकर भी कुछ इसी तरह की भविष्यवाणी की गई थी। और यह भविष्यवाणी बिल्कुल सही साबित हुई। अटल जी को लेकर यह भविष्यवाणी, उनके पुराने साथी, बेहद करीबी और विख्यात कवि एवं साहित्यकार गोपालदास नीरज ने की थी, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं।
दरअसल गोपालदास जी नीरज ज्योतिष का ज्ञान भी रखते थे, और इस आधार पर ही उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी और स्वयं की मृत्यु को लेकर एक भविष्यवाणी 2009 में एक साक्षात्कार में की थी, और दुर्भाग्य से सच साबित हुई।
कवि गोपालदास नीरज जी ने कहा था कि उनकी और अटल जी की जन्मकुंडली में ज्यादा अंतर नहीं है। हम दोनों को ही अपने-अपने क्षेत्र में ऊंचाई तक पहुंचना था, और दोनों की मृत्यु में भी अधिकतम 30 दिनों का फासला होगा। हालांकि दोनों को ही जीवन के अंतिम पड़ाव में स्वास्थ्य की परेशानियों से जूझना होगा।और हुआ भी बिल्कुल यही, कवि गोपालदास नीरज के निधन को अभी 29 दिन ही हुए थे, कि अटल जी के यूं चले जाने की खबर आ गई।
भविष्यवाणियों का सच साबित होगा रोमांचक और अचंभित करने वाला विषय होता है, लेकिन दुर्भाग्य से नीरज जी की इस भविष्यवाणी का सच साबित होना हम सभी के लिए अत्यंत दुखद है।