क्यों नहीं बढ़ रहा लग्जरी कारों का बाजार, जानिए बड़ा कारण
रविवार, 21 जनवरी 2018 (12:01 IST)
नई दिल्ली। जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक रोहित सूरी ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत लग्जरी यात्री वाहनों पर उपकर कम करने की वकालत करते हुए कहा कि ज्यादा कर के कारण देश में इस श्रेणी के वाहनों का बाजार नहीं बढ़ रहा है।
सूरी ने बताया कि जब आरंभ में जीएसटी लागू किया गया था तो लग्जरी वाहनों पर कर की दर 43 प्रतिशत थी। इससे आरंभिक दौर में बिक्री बढ़ी थी, लेकिन बाद में एसयूवी श्रेणी के लिए उपकर बढ़ाकर 22 प्रतिशत करने से अभी कर की कुल दर 50 प्रतिशत हो गई है।
उन्होंने कहा कि 50 प्रतिशत कर होने से कीमत पर काफी फर्क पड़ता है। यह इस श्रेणी के बाजार को बढ़ने से रोक रहा है। उल्लेखनीय है कि जीएसटी में सभी वाहनों को 28 प्रतिशत कर के स्लैब में रखा गया है। इसके अलावा आरंभ में लग्जरी उत्पादों पर अधिकतम 15 प्रतिशत उपकर की व्यवस्था की गई थी जिसे बढ़ाकर अब 25 प्रतिशत कर दिया गया है।
इसमें एसयूवी पर उपकर 22 फीसदी तय किया गया है। इस प्रकार कर की प्रभावी दर 50 प्रतिशत हो जाती है। सूरी ने कहा कि कर की उचित दर तय करने की जिम्मेदारी सरकार की है, लेकिन मेरा मानना है कि लग्जरी वाहनों के बाजार को प्रोत्सहित करने के लिए कर में कम से कम 10-15 प्रतिशत की कटौती की जानी चाहिए। पहले भी विभिन्न प्रकार के कर मिलाकर इन वाहनों पर कर की प्रभावी दर 53 प्रतिशत के आसपास होती थी। यही कारण था कि वर्ष 2017 से पहले चार-पांच साल तक इस श्रेणी में सुस्ती बनी हुई थी।
उन्होंने कहा कि पिछले साल लग्जरी वाहनों की बिक्री में कुछ सुधार देखा गया। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स की पूर्ण स्वामित्व वाली ब्रितानी कंपनी जेएलआर इस समय भारत में छह मॉडलों का विनिर्माण कर रही है। इसमें जगुआर एक्सई, एक्सएफ, एक्सजे, एफ पेस, लैंड रोवर डिस्कवरी स्पोर्ट और रेंज रोवर इवोक शामिल हैं।
भारत में विनिर्माण बढ़ाने की योजना के बारे में सूरी ने कहा कि कंपनी लगातार बाजार पर नजर रखे हुए है। पिछले साल भारतीय बाजार में उसकी बिक्री 49 प्रतिशत बढ़ी है, लेकिन इससे पहले सुस्ती रही थी। आने वाले समय में मांग को देखते हुए इस संबंध में कोई फैसला किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पिछले साल चार बिल्कुल नए उत्पाद लॉन्च करने और बिक्री के बाद की सेवाओं को बेहतर बनाने के कारण अच्छे परिणाम सामने आए हैं। कंपनी ने अपने तकनीशियनों के प्रशिक्षण पर काफी निवेश किया है और अब ग्राहक दुनिया की बिक्री बाद सेवा की उम्मीद कर सकते हैं। भारत से निर्यात के बारे में सूरी ने कहा कि फिलहाल उनका फोकस भारतीय बाजार पर और भारतीय ग्राहकों की मांग पूरी करने पर है। (वार्ता)