Ayodhya : राम मंदिर निर्माण की तैयारी अंतिम चरण में, ट्रस्ट ने बताईं 20 विशेषताएं

हिमा अग्रवाल
गुरुवार, 4 जनवरी 2024 (23:37 IST)
10 Features Of The Ram Temple In Ayodhya : भगवान राम मंदिर निर्माण अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। आगामी 22 जनवरी में राम मंदिर का प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम होने जा रहा है। श्री राम जन्मभूमि पर बना भगवान राम का मंदिर तीन मंजिल का होगा। मंदिर ट्रस्ट ने श्रीराम मंदिर की तस्वीरें जारी करते हुए इसकी विशेषताएं बताई हैं। 22 जनवरी से अयोध्या में उत्तर प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटन विभाग द्वारा 2 महीनों के लिए यानी 25 मार्च तक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसमें राम कथा, रामलीला और प्रवचन शामिल है। 
 
22 जनवरी को होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए तैयारियां अंतिम दौर में हैं। इस बीच गरुवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने निर्माणाधीन राम मंदिर की नई तस्वीरें जारी करते हुए भव्य राम मंदिर की विशेषताओं का एक खांका खींचा है।
 
 अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम जन्मभूमि मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा बताई गई विशेषताएं...
1. राम मंदिर पारंपारिक नागर शैली में बनाया जा रहा है।
 
2. मंदिर की लंबाई (पूर्व से पश्चिम) 380 फुट, चौड़ाई 250 फीट तथा ऊंचाई 161 फीट रहेगी।
 
3. श्रीराम जन्मभूमि पर बना यह मंदिर तीन मंजिला होगा, राम मंदिर की प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फुट रहेगी। मंदिर में कुल 392 खंभे व 44 द्वार होंगे। 
 
4. मुख्य गर्भगृह में प्रभु श्रीराम का बालरूप (श्रीरामलला सरकार का विग्रह) तथा प्रथम तल पर श्रीराम दरबार विराजमान होगा।
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5. मंदिर परिक्षेत्र में 5 मंडप जिसमें नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप व कीर्तन मंडप होंगे।
 
6. मंदिर के खंभों व दीवारों में देवी देवता तथा देवांगनाओं की मूर्तियां उकेरी जा रही हैं।
 
7. मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से, 32 सीढ़ियां चढ़कर सिंहद्वार। 
 
8. मंदिर दर्शन के लिए आए दिव्यांगजन एवं वृद्धों के लिए मंदिर में रैम्प व लिफ्ट की व्यवस्था रहेगी।
 
9. मंदिर के चारों ओर चारों ओर आयताकार परकोटा रहेगा। चारों दिशाओं में इसकी कुल लंबाई 732 मीटर तथा चौड़ाई 14 फुट होगी।
 
10. परकोटा के चारों कोनों पर सूर्यदेव, मां भगवती, गणपति व भगवान शिव को समर्पित चार मंदिरों का निर्माण होगा। उत्तरी भुजा में मां अन्नपूर्णा व दक्षिणी भुजा में हनुमानजी का मंदिर रहेगा।
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11. मंदिर के समीप पौराणिक काल का सीताकूप विद्यमान रहेगा।
 
12. मंदिर परिसर में प्रस्तावित अन्य मंदिर- महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी व ऋषिपत्नी देवी अहिल्या को समर्पित होंगे।
13. दक्षिण पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीला पर भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णो‌द्धार किया गया है एवं तथा वहां जटायु प्रतिमा की स्थापना की गई है।
 
14. मंदिर में लोहे का प्रयोग नहीं होगा। धरती के ऊपर बिलकुल भी कंक्रीट नहीं है।
 
15. मंदिर के नीचे 14 मीटर मोटी रोलर कॉम्पेक्टेड कंक्रीट (RCC) बिछाई गई है। इसे कृत्रिम चट्टान का रूप दिया गया है।
16. मंदिर को धरती की नमी से बचाने के लिए 21 फीट ऊंची प्लिंथ ग्रेनाइट से बनाई गई है।
 
17. मंदिर परिसर में स्वतंत्र रूप से सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, अग्निशमन के लिए जल व्यवस्था तथा स्वतंत्र पॉवर स्टेशन का निर्माण किया गया है, ताकि बाहरी संसाधनों पर न्यूनतम निर्भरता रहे।
 
18. राम मंदिर में 25 हजार क्षमता वाले एक दर्शनार्थी सुविधा केंद्र (Pilgrims Facility Centre) का निर्माण किया जा रहा है, जहां दर्शनार्थियों का सामान रखने के लिए लॉकर व चिकित्सा की सुविधा रहेगी।

19. मंदिर परिसर में स्नानागार, शौचालय, वॉश बेसिन, ओपन टैप्स आदि की सुविधा भी रहेगी।
 
20. मंदिर का पूर्ण निर्माण पूर्णतया भारतीय परम्परा और स्वदेशी तकनीक के द्वारा किया जा रहा है। पर्यावरण-जल संरक्षण को ध्यान में रखते हुए कुल 70 एकड़ क्षेत्र में 70% क्षेत्र सदा हरित रहेगा।

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