अयोध्या। अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार द्वारा बनाए जाने वाले ट्रस्ट में शामिल होने के लिए अधिकांश साधु- संत जोरआजमाइश कर रहे हैं, वहीं अयोध्या स्थित बड़ा भक्त महल के महंत व विहिप में मार्गदर्शक महंत अवधेश दास ने साफ कहा है राम जन्मभूमि मंदिर की पूजा पद्धति में किसी भी तरह का बदलाव नहीं होना चाहिए।
हालांकि उन्होंने कहा कि ट्रस्ट का स्वरूप कैसा होगा, उस ट्रस्ट में कौन-कौन शामिल होगा, यह सब सरकार का काम है, हमें उसमें किसी प्रकार का कोई हस्तक्षेप भी नहीं करना है, लेकिन एक मांग जरूर है कि राम जन्मभूमि में जो पूजा पद्धति है, वह विशुद्ध वैदिक व्यवस्था के आधार पर होनी चाहिए। यदि उसमें किसी प्रकार का फेरबदल होता है तो यह अयोध्या के संतों के साथ बड़ा अन्याय होगा।
महंत अवधेश दास ने कहा कि ट्रस्ट में पूजा पद्धति के स्वरूप को भी जरूर स्पष्ट किया जाए। उन्होंने कहा कि वैदिक आधार पर पूजा की अष्टांग व्यवस्था जिस तरह से तिरुपति बालाजी में हजारों वर्षों से चली आ रही और अयोध्या के भी अधिकांश प्रमुख मंदिरो में अष्टांग शिला का विधान है, भगवान का वैदिक पूजा का विधान है। इसे ध्यान रखना अति आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि ट्रस्ट का निर्माण करते समय किसी आचार्य, महापुरुष या फिर किसी वैष्णवाचार्य की सलाह लेकर पूजा पद्धति की रूपरेखा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि अयोध्या रसिकजनों का बहुत बडा केंद्र है और अयोध्या के कई बड़े व प्रसिद्ध मंदिर हैं, जहां जहां के पूर्वाचार्यों को भगवान का साक्षात्कार हुआ है, इसलिए वैदिक पूजा पद्धति आवश्यक है।