Business picks up after consecration in Ayodhya : अयोध्या में दिहाड़ी मजदूर दीपक पांडेय कुछ साल पहले नौकरी की तलाश में दूसरे शहर जाने की योजना बना रहे थे, मगर अब वह राम नगरी में ही जमीन खरीदकर नया घर बनाने की सोच रहे हैं। राम मंदिर (Ram Mandir) में प्राण-प्रतिष्ठा (Pran Pratishtha) के बाद अयोध्या में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते आमदनी में हुई बढ़ोतरी उनकी सोच में आए इस बदलाव का मुख्य कारण है।
पांडेय अपनी आर्थिक स्थिति में हुए सुधार के लिए भगवान राम की कृपा को मुख्य आधार मानते हैं। पांडेय राम पथ तक जाने वाली एक गली में 3 कमरों के घर में रहते हैं। यह रास्ता मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मुख्य मार्ग है और अब पांडेय अपने घर का एक कमरा किराए पर देते हैं।
पांडेय ने कहा कि मैं 1 कमरे को 3,000 रुपए प्रतिमाह के हिसाब से किराए पर देता था। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के बाद से मैं इसे 3,000 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से किराए पर दे रहा हूं। प्राण-प्रतिष्ठा के बाद गुजरे 1 महीने में हमने लगभग हर दिन किसी न किसी नए व्यक्ति को किराए पर कमरा दिया है। हम चाहते हैं कि भगवान राम की कृपा ऐसे ही बनी रहे।
रोजाना 1 लाख श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए आ रहे : स्थानीय प्रशासन के अनुसार गत 22 जनवरी को संपन्न अभिषेक समारोह के बाद से रोजाना औसतन लगभग 1 लाख श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए इस पवित्र शहर में आ रहे हैं। पांडेय की तरह उनकी गली के लगभग हर घर के मालिकों ने पर्यटकों को 'होमस्टे' सुविधा देने के लिए अपने घर में कम से कम एक कमरे का नए सिरे से रंग-रोगन करवाकर उसे सभी सुविधाओं से लैस किया है।
प्रमेश पांडेय एक गली के प्रवेश द्वार पर खड़े होकर भक्तों से पूछते हैं कि क्या उन्हें रहने के लिए कमरे की जरूरत है? उन्होंने कहा कि मेरे पास 3-4 अलग-अलग इमारतों में 6 कमरे हैं। मैं आगंतुकों की संख्या के आधार पर रोजाना 1,400 से लेकर 3000 रुपए तक में 1 कमरा उपलब्ध कराता हूं। प्रमेश की गली के ज्यादातर निवासी छोटे-मोटे काम करते हैं या मंदिर में चढ़ाए जाने के लिए चढ़ावे का सामान बेचते हैं।
राम पथ से जुड़ी एक अन्य गली में रहने वाली जसवंती शर्मा भगवान राम की तस्वीरें और अन्य स्मृति चिह्न बेचती हैं। उन्होंने कहा कि भगवान राम हम पर अपनी कृपा बरसा रहे हैं। भगवान यहां भक्तों के रूप में आते हैं और हमें बेहतर जीवन जीने में मदद करते हैं।
उन्होंने कहा कि नए मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होने के बाद से शहर में आने वाले लोगों की संख्या काफी बढ़ गई है। इससे मेरे व्यवसाय को मदद मिली है। कई दुकान मालिक मौजूदा ढांचे के ऊपर एक नई मंजिल जोड़कर अपनी दुकानों का विस्तार कर रहे हैं।
दोसे का खोमचा चलाने वाले प्रभात गुप्ता लोगों को गर्म दोसे की प्लेटें बांटने में व्यस्त हैं। वे जब भी किसी ग्राहक को थाली देते हैं तो 'जय श्रीराम' कहते हैं। गुप्ता कहते हैं कि एक और मंजिल का निर्माण कार्य पहले ही शुरू हो चुका है। अगर भगवान राम की इच्छा हुई तो निर्माण पूरा होने के बाद हम और अधिक ग्राहकों की मेजबानी कर सकेंगे।
पूजा सामग्री समेत अनेक दुकानें खुल रहीं : राम पथ पर भोजनालयों और पूजा सामग्री बेचने वाली दुकानों के अलावा पर्यटन एजेंसियों के कार्यालय और कपड़े, मोबाइल फोन, सहायक उपकरण और उपहार वगैरह बेचने वाली दुकानें भी खुल रही हैं। स्थानीय टूर एजेंसियों का कारोबार भी बढ़ा है। ऐसी ही एक एजेंसी के मालिक उमेश सिंह ने कहा कि हम पिछले 1 महीने से बुकिंग में बढ़ोतरी देख रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि यह सिलसिला जारी रहेगा।
सिंह ने कहा कि उन्होंने 2 पूर्णकालिक वाहन चालकों को काम पर रखा है और एक नई लक्जरी पर्यटक वैन का ऑर्डर दिया है। अयोध्या व्यापारी संघ के पदाधिकारी नंद कुमार गुप्ता ने कहा कि श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि से निश्चित रूप से यहां के व्यवसायों को मदद मिली है। हालांकि व्यवसायों पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन करना अभी जल्दबाजी होगी।
बड़ी-बड़ी इमारतें बनाई जा रहीं : फैजाबाद शहर से अयोध्या की ओर जाने वाली सड़क के किनारे बड़ी-बड़ी इमारतें बनाई जा रही हैं। इनमें होटल, गेस्टहाउस, बहुस्तरीय कार पार्किंग सुविधाएं और रेस्तरां शामिल हैं। अयोध्या में परियोजनाएं विकसित करने वाली लखनऊ स्थित निर्माण फर्म के साझीदार अभय प्रताप शाही ने कहा कि हम 2 होटलों और 1 शॉपिंग मॉल पर काम कर रहे हैं। ये परियोजनाएं 2021 में शुरू हुईं और 2027 तक पूरी होने की उम्मीद है।
स्थानीय प्रशासन का भी सहयोग : अयोध्या में जारी विकास कार्यों को देखते हुए स्थानीय प्रशासन भी व्यापारियों की मदद कर रहा है। अयोध्या मंडल के आयुक्त गौरव दयाल ने बताया कि हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि निर्माण कार्य के लिए जरूरी मंजूरी समय पर दी जाए। चौड़ी सड़कें, बहुस्तरीय पार्किंग सुविधाएं और श्रद्धालुओं के लिए अन्य सहूलियत जैसे सहायक बुनियादी ढांचे को विकसित करने का काम भी हो रहा है।
दयाल ने कहा कि हमें उम्मीद है कि अयोध्या आने वाले हर श्रद्धालुओं, चाहे वह सड़क, रेल या हवाई मार्ग से हो, को सर्वोत्तम सुविधाएं मिलेंगी। इसके लिए ज्यादातर काम पहले ही हो चुका है और शेष काम आने वाले महीनों में पूरा हो जाएगा।(भाषा)