Ayodhya Ram Mandir: रामनगरी अयोध्या में 22 जनवरी, 2024 के रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद भी भक्तों का तांता लगा रहेगा। ट्रस्ट का अनुमान है कि मुख्य समारोह के बाद भी रोजाना करीब 1 लाख भक्त रामलला के दर्शन करने अयोध्या पहुंचेंगे। शुरुआती दिनों में यह संख्या और ज्यादा हो सकती है। शासन प्रशासन भी इसके लिए पूरी तरह मुस्तैद है।
ट्रस्ट के मुताबिक 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या आने वाले राम भक्तों, श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की संख्या काफी तेजी से बढ़ेगी। इसके लिए यूपी सरकार सरकार, शासन व प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का भी अनुमान है कि राम मंदिर में दर्शन करने के लिए प्रतिदिन लगभग एक लाख भक्त अयोध्या पहुंच सकते हैं। मंदिर के उद्घाटन के बाद शुरुआती दिनों में यह संख्या और भी ज्यादा हो सकती है। ऐसी स्थिति में प्रति सेकंड करीब तीन भक्तों को रामलला के दर्शन का अवसर प्राप्त होगा।
राम मंदिर को शुरुआती चरण में प्रतिदिन 8 से 10 घंटे तक खोलने पर सहमति बन सकती है। भक्तों को 3 से 4 पंक्तियों में रामलला के दर्शन करने का अवसर मिलेगा। यदि 10 घंटे तक के लिए मंदिर खोला जाता है और भक्तों की संख्या लगभग एक लाख तक रहती है तो हर सेकेंड तीन भक्तों को रामलला के दर्शन करने का सौभाग्य मिलेगा।
वर्तमान में विशेष अवसरों को छोड़ दें तो सामान्य दिनों में सबसे ज्यादा हनुमानगढ़ी में हनुमान जी के दर्शन करने के लिए सबसे अधिक भक्त आते हैं। यह संख्या लगभग 25 हजार के करीब होती है। हनुमान जयंती, दीपावली-दशहरा और नववर्ष के अवसर पर यह संख्या दो गुनी से अधिक हो जाती है।
चूंकि, राम मंदिर की चर्चा देश के साथ-साथ दुनिया के कोने-कोने में है। ऐसे में माना जा रहा है कि मंदिर के उद्घाटन के बाद यहां आने वाले भक्तों की संख्या बहुत अधिक बढ़ सकती है। यही कारण है कि भगवान राम के मंदिर में एक लाख के करीब भक्तों की उपस्थिति होने को ध्यान में रखते हुए व्यवस्था बनाने की कोशिश की जा रही है, जिससे बाद में कोई परेशानी न हो।
बढ़ेगा रोजगार और व्यापार : श्रद्धालुओं के अयोध्या आगमन से पूरे राज्य में लोगों का रोजगार और व्यापार भी बढ़ेगा। अयोध्या, काशी और मथुरा सहित पूरे उत्तर प्रदेश में धार्मिक पर्यटन बढ़ा है। केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार 2022 में पूरे देश के घरेलू पर्यटन का पांचवां हिस्सा (20 प्रतिशत) अकेले यूपी को प्राप्त हुआ है। इसमें लगभग 5 प्रतिशत हिस्सा अकेले वाराणसी को मिला है। इससे इन स्थानों पर रोजगार और व्यापार की संभावनाओं में वृद्धि हुई है।
उल्लेखनीय है कि अयोध्या में काफी लम्बे संघर्ष और आंदोलन के बाद श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का भव्य निर्माण हो रहा है और भूतल का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। 22 जनवरी को रामलला की गर्भगृह में प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी।