Who is Dr. Anil Mishra: अयोध्या राम मंदिर (Ram Mandir Ayodhya) में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए पूजा और अनुष्ठान का दौर शुरू हो गया है। पूजा-अनुष्ठान में मुख्य यजमान की भूमिका राम मंदिर ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा मुख्य यजमान की भूमिका निभा रहे हैं। हालांकि मुख्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रमुख यजमान की भूमिका में रहेंगे।
ट्रस्ट के मुताबिक डॉ. मिश्रा मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं साथ ही वे अयोध्या में ही मौजूद हैं। जबकि, ट्रस्ट के अन्य ट्रस्टी साधु संत हैं। अत: डॉ. मिश्रा और उनकी पत्नी को मुख्य यजमान के रूप में चुना गया है। वे 6 दिन मुख्य यजमान की भूमिका में रहेंगे।
मिश्रा ने ब्रिज किशोर होम्योपैथिक कॉलेज से बीएचएमएस की डिग्री भी हासिल की है। उन्होंने आरएसएस में स्वयंसेवक के रूप में काम किया साथ ही वे संघ में सह प्रांत कार्यवाह के बाद अवध के प्रांत कार्यवाह के रूप में भी काम कर चुके हैं। मिश्रा सुल्तानपुर और गोंडा जिलों में वे होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्य कर चुके हैं।
सरकारी नौकरी से वर्ष 2020 में रिटायर होने के बाद डॉ. मिश्रा ने खुद को पूरी तरह संघ के कार्यों के लिए समर्पित कर दिया। राम मंदिर ट्रस्ट के गठन के बाद डॉ. अनिल मिश्रा ट्रस्ट में वरिष्ठ सदस्य के पद पर कार्य करने लगे और आज भी वे राम मंदिर ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य हैं। विहिप के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने भी इस बात की पुष्टि की है कि 6 दिन चलने वाले अनुष्ठानों के दौरान डॉ. अनिल मिश्रा मुख्य यजमान की भूमिका निभाएंगे।
फिर नरेन्द्र मोदी की क्या भूमिका : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मुख्य यजमान होंगे। जबकि, अनिल मिश्रा 6 दिन तक चलने वाले अनुष्ठानों में मुख्य यजमान की भूमिका निभाएंगे। मुख्य यजमान वह व्यक्ति होता है, जिसकी उपस्थिति में पूजा और अनुष्ठान संपन्न होते हैं। 22 जनवरी को गर्भगृह में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, महंत नृत्यगोपाल दास, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, संघ प्रमुख मोहन भागवत ही प्रमुख रूप से मौजूद रहेंगे।