जबरन विवाह के मामलों में सलाह और मदद करने वाली ब्रिटेन की एक सरकारी एजेंसी ने कहा है कि पिछले कुछ समय से ऐसे मामलों में मदद माँगने वालों की तादाद में भारी बढ़ोत्तरी हुई है।
पिछले साल ब्रिटेन में जबरन विवाह कराने के 1,700 मामले एजेंसी के सामने प्रकाश में आए। खास बात ये रही कि महिलाओं से मिलने वाली शिकायतों में 25 फीसदी की बढ़त रही। कई देशों में पारंपरिक विवाह में परिवार की भूमिका अहम होती है और ब्रिटेन में रह रहे दक्षिण एशियाई मूल के लाखों लोगों के लिए भी पारंपरिक विवाह की खासी अहमियत है।
नया विभाग : 'मर्जी के बिना' शादी की शिकायतों को देखते हुए ब्रितानी सरकार ने पाँच साल पहले एक विभाग शुरू किया ताकि पारंपरिक और जबरन विवाह के मामलों में फर्क सामने आ सके। इस विभाग की स्थापना के पीछे मकसद ऐसे लोगों की मदद करना भी था जिनकी शादी जबरदस्ती या उनकी मर्जी के खिलाफ हो रही हो।
ऐसे मामलों में पीड़ित अपनी शिकायतों के साथ सामने आए। खासकर ऐसे लोग जो पारिवारिक दबाव में शादी कर रहे थे। एक ऐसी ही महिला का कहना था कि उसकी मर्जी के खिलाफ उसका विवाह हुआ और बाद में उस व्यक्ति ने उसे प्रताड़ित किया।
अब इस महिला जैसी कई अन्य महिलाएँ मदद के लिए सामने आ रही हैं और ब्रिटेन में 'मर्जी के खिलाफ' विवाह का समाज में विरोध भी बढ़ रहा है। ब्रितानी न्यायाधीश भी इसे गंभीर समस्या मानते हैं और उन्होंने पिछले साल जबरन विवाह के 100 से अधिक मामलों में आदेश जारी कर इन्हें रुकवाया या ऐसी शादियों की मान्यता खत्म की।