बिहार की राजधानी पटना से क़रीब 45 किलोमीटर दूर वैशाली ज़िले के भगवानपुर थाना क्षेत्र में दुष्कर्म के प्रयास का विरोध करने पर मां-बेटी का सिर मुंडवाकर गांव में घुमाने की ख़बर है। गांव में बीते बुधवार की शाम मां और बेटी के साथ कुछ लोगों ने दुष्कर्म का प्रयास किया।
जब दोनों ने इसका विरोध किया तो गांव के कुछ दबंगों ने मिलकर जिसमें दो पंचायत प्रतिनिधियों वार्ड सदस्य और सरपंच भी शामिल थे, नाई को बुलाया और मां- बेटी का सिर मुंडवा दिया। फिर खुले सिर पूरे गांव में घुमाया।
मां और बेटी ने पुलिस में बयान दर्ज कराए हैं और इस आधार पर भगवानपुर थाने में दर्ज एफआईआर 154/19 के अनुसार सात लोगों को नामज़द अभियुक्त बनाया गया है। अभियुक्तों में वार्ड पार्षद मोहम्मद खुर्शीद, सरपंच मोहम्मद अंसारी, मोहम्मद शकील, मोहम्मद इश्तेखार, मोहम्मद शमशूल हक, मोहम्मद कलीम और नाई दशरथ ठाकुर हैं।
वैशाली के पुलिस अधीक्षक मानवजीत सिंह ढ़िल्लों ने बीबीसी को बताया है कि मामला दर्ज होने के पांच घंटे में ही दो नामज़द अभियुक्तों शकील और दशरथ ठाकुर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बाकी अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी चल रही है। पुलिस जल्द से जल्द उन्हें भी गिरफ्तार कर लेगी।"
पुलिस अधीक्षक ने यह भी कहा, "पीड़ित मां-बेटी को सीआरपीसी की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराने के लिए कोर्ट ले जाया गया है। वहां से उन्हें मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल भेजा जाएगा।"
मामला सामने आने के बाद से पुलिस और प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। आला अधिकारी घटनास्थल पर कैंप कर रहे हैं। बाकी अभियुक्तों को पकड़ने के लिए एएसपी के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया है।
महिला आयोग का दौरा
इधर, राज्य महिला आयोग ने भी मामले में स्वत: संज्ञान ले लिया है। आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा ने अन्य सदस्यों के साथ मिलकर गुरुवार को भगवानपुर का दौरा किया।
दिलमणि ने बीबीसी को बताया, "ये घटना दुखद है। मैंने पीड़िताओं से बात की है। उन्हें जल्द से जल्द न्याय मिलेगा। गांव के ही कुछ दबंग लोगों द्वारा घटना को अंजाम दिया गया है। एसपी से हुई हमारी बातचीत में उन्होंने आश्वासन दिलाया है कि सभी दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ा लिया जाएगा। हम लोग इस मामले को केंद्रीय महिला आयोग के पास भी भेज रहे हैं।"
भगवानपुर थाना के प्रभारी संजय कुमार ने बीबीसी को बताया कि जिस टोले में यह घटना हुई है उसमें प्राय: मुसलमान ही रहते हैं। नाई को छोड़कर बाकी सारे अभियुक्त मुसलमान ही हैं, पीड़िता मां-बेटी भी उन्हीं की पड़ोसी है और मुसलमान है। लेकिन दोनों अपने घर में अकेली रहती हैं, उनके यहां के पुरुष बाहर रहते हैं।
वैशाली के डीएम राजीव रौशन ने बीबीसी से कहा है, "जो भी मामला सामने आया है वह एक घिनौने अपराध की श्रेणी में आता है। इससे ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता। लेकिन ज़िला प्रशासन इसे लेकर गंभीर है। मां और बेटी के बयान के आधार पर मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस अब मामले की जांच कर रही है। जल्द ही सबकुछ सामने आ जाएगा। हम लोग त्वरित कार्रवाई कर पीड़ितों को इंसाफ दिलाएंगे।"
महिलाओं के साथ इस तरह अत्याचार की बिहार में यह कोई नई घटना नहीं है। कुछ ही महीनों पहले भोजपुर के बिहिया में एक गांव के लोगों ने शक के आधार पर अधेड़ महिला को बुरी तरह पीटा था। फिर पूरे बाजार में निर्वस्त्र घुमाया था। हालांकि उस मामले में स्पीडी ट्रायल होने से न सिर्फ़ दोषियों की जल्द ही गिरफ्तारी हो गई थी, बल्कि उन्हें कोर्ट ने सजा भी सुना दी है। इस मामले में 20 अभियुक्तों को दोषी ठहराया गया था।