वो द्वीप जो हर छह महीने में बदल देता है अपना देश

शनिवार, 3 फ़रवरी 2018 (11:05 IST)
आज यानी एक फरवरी को बिना एक भी गोली चलाए फ्रांस अपनी 3000 वर्ग मीटर (लगभग 3200 वर्ग फ़ीट) जमीन स्पेन को सौंप देगा। फिर छह महीने बाद यही जमीन स्पेन उसे वापस लौटा देगा। क्रिस बोकमैन ने इस द्वीप की यात्रा की। वो बताते हैं कि द्वीप बांटने की यह परंपरा पिछले 350 सालों से बदस्तूर जारी है।
 
 
हेंडेई का फ्रांसीसी बास्क बीच रिसॉर्ट स्पेन की सीमा पर स्थित आखिरी शहर है। इसकी घुमावदार रेतीली खाड़ी पर ऐसा लगता है कि सैकड़ों सीलों ने अपना डेरा जमा रखा है। लेकिन और अधिक ध्यान से देखने पर ये दिलेर सर्फर (समुद्र की लहरों पर तैरने वाले) नज़र आते हैं। यहां ठीक एक बड़े से बांध के बाद स्पेन का ऐतिहासिक शहर होन्डारिबिया और विशाल इरुन हैं। यहां नदी बिदासो स्पेन और फ्रांस को अलग करती है।
 
 
नदी के बीच स्थित द्वीप
जैसे-जैसे आप इसके मुहाने पर ऊपर की ओर जाएंगे, दृश्य बदलते जाएंगे। लेकिन मैं देखने आया हूं फ़ैसेंस द्वीप। लेकिन इसे ढूंढना मुश्किल है क्योंकि जब भी मैं इसके संबंध में किसी से पूछता हूं तो वो पूछता है कि मैं वहां क्यों जाना चाहता हूं। वो मुझे चेतावनी देता है कि वहां कुछ भी नहीं है और कहता है कि आप वहां नहीं जा सकते, वो मोंट सेंट मिशेल की तरह कोई पर्यटन स्थल नहीं है।
 
 
लेकिन यह नदी के बीचोंबीच पेड़ों और छंटाई किए घासों से भरा एक दुर्गम शांत द्वीप है। साथ ही 1659 के दौरान यहां हुई उल्लेखनीय ऐतिहासिक घटना के प्रतीक स्वरूप एक पुराना स्मारक भी है। एक लंबे युद्ध के बाद करीब तीन महीने तक, स्पेन और फ्रांस ने इस द्वीप को लेकर आपस में बातचीत की। क्योंकि इसे तटस्थ क्षेत्र माना जाता था। दोनों ओर से लकड़ी के पुल बनाए गए थे। दोनों सेनाएं खड़ी थीं।
 
 
इस वार्ता के दौरान शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जिसे पाइनीस की संधि कहा जाता है। इस क्षेत्र की अदलाबदली की गई और सीमाएं तय की गईं। यह संधि शाही शादी के साथ पूरी की गई जिसमें फ्रांस के राजा किंग लुईस XIV ने स्पेन के राजा किंग फिलिप IV की बेटी से शादी की।
 
एक अन्य विवरण के अनुसार यह द्वीप दोनों देशों के बीच छह महीने के लिए शेयर किया जाता है। 1 फरवरी से 31 जुलाई तक यह स्पेन के पास रहता है तो बाद के छह महीने फ्रांस के पास। ऐसी व्यवस्था को सम्मिलित शासन कहते हैं और फ़ैसेंस द्वीप पर यह परंपरा बहुत पुरानी है।
 
 
स्पेन के सैन सेबेस्टियन के नौसेना के कमांडर और उनके फ्रांसीसी समकक्ष इस द्वीप के राज्यपाल या वाइसरॉय के रूप में काम करते हैं। वास्तव में उनके पास इससे भी कई और बड़े काम होते हैं इसलिए इरुन और हेंडेई के ऊपर इसकी देखभाल का जिम्मा आता है।
 
यहां की नदी में पानी घटता-बढ़ता रहता है तो कई बार तो पैदल चल कर ही स्पेन पहुंचा जा सकता है। यह द्पीव बेहद छोटा है- केवल 200 मीटर लंबा और 40 मीटर चौड़ा। ऐसे बेहद कम मौके होते हैं जब लोगों को यहां की विरासत को देखने का मौका मिलता है लेकिन यहां के रहने वाले बेनोइट उगार्तेमेंदिया कहते हैं कि इसमें केवल बुजुर्गों की रुचि होती है, युवाओं को इसके ऐतिहासिक महत्व का कुछ भी पता नहीं है।
 
 
आज भारी ट्रैफिक को छोड़कर फ्रांस से स्पेन जाना एक सहज यात्रा का अनुभव देता है। लेकिन फ्रेंको की तानाशाही के दौरान इस सीमा पर बहुत ज्यादा पहरेदारी होती थी। हेंडेई के मेयर कोटे इसेनारो ने मुझे बताया कि इस द्वीप से सटी नदी के किनारे हर 100 मीटर पर दूसरी ओर से लोगों को आने से रोकने के लिए संतरी खड़े किए जाते थे।
 
इन दिनों पानी और मछली पकड़ने के अधिकार को लेकर इरुन और हेंदेई के महापौर साल में दर्जनों बार मुलाकात करते हैं। इस द्वीप के किनारे अब कटते जा रहे हैं। पिछली कुछ शताब्दियों में यह लगभग आधा हो गया है। लेकिन दोनों में कोई भी देश इसे बचाने के लिए पैसा नहीं खर्च करना चाहते हैं।
 
 
इस साल इसके हस्तांतरण का कोई समारोह नहीं होगा। लेकिन कुछ दिनों बाद एक बार फिर इसके स्वामित्व का अधिकार बदल जाएगा। अगस्त में स्पेन इसे एक बार फिर वापस फ्रांस को सौंप देगा।

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