दोषी की पहचान उनके उपनाम लुओ से की गई है। अदालत के मुताबिक, 19 वर्षीय लुओ ने मई में अपना एक वीडियो बनाया था, जिसमें वह चंगेज़ ख़ान की तस्वीर पर पांव रखे हुए नज़र आ रहे थे। अदालत ने उन्हें नस्लीय नफ़रत फैलाने का दोषी क़रार दिया।
मंगोलों के लिए आस्था का मुद्दा
ख़बरों के मुताबिक, इसके बाद लुओ ने इस वीडियो को ऑनलाइन पोस्ट कर दिया, जिस पर लोगों ने ख़ासी नाराज़गी जताई। चंगेज़ ख़ान मंगोल लोगों की आस्था से जुड़ी शख़्सियत माने जाते हैं।
एक स्थानीय सुरक्षा ब्यूरो के हवाले से समाचार संस्थान 'द पेपर' ने ख़बर दी है कि लुओ उस वीडियो में चंगेज़ ख़ान की तस्वीर को 'पांव तले कुचलते और उसका अपमान करते' दिख रहे थे। यह वीडियो उन्होंने चीन के चर्चित वीडियो प्लेटफॉर्म 'क्वायशू' पर पोस्ट किया था और इसे 'वीचैट' मैसेजिंग एप्लीकेशन पर कई ग्रुप्स और दोस्तों को भेजा था।