-60 डिग्री सेल्सियस में कैसे रहते हैं लोग?

गुरुवार, 16 नवंबर 2017 (12:13 IST)
15 साल का अयाल अपने भाई-बहनों में आखिरी हैं जो कि अपनी मां के साथ रूस के वर्खोयांस्क शहर में रह रहा है। अगले चार महीनों में अपने चार भाई बहनों की तरह वो भी पढ़ाई करने के लिए यकूत्स्क शहर में चला जाएगा, जो की करीब 600 किलोमीटर दूर है।
 
वर्खोयांस्क में एक थ्री जी ऐंटीना है, बच्चे इस्टाग्राम पर तस्वीरें डाल सकते हैं, बाहरी दुनिया से आसानी से जुड़ सकते हैं, लेकिन वहां के लोगों के लिए बड़े शहरों में चले जाना एक आम बात हो गई है।
 
फोटोग्राफर ब्रिस पोर्टोलानो ने अयाल की तस्वीरों का संग्रह किया है। अयाल के स्कूल, कंप्यूटर और अकेले में बिताए गए समय को उन्होंने अपने कैमरे में कैद किया। अयाल की तालाक़शुदा मां ने अपने सभी बच्चों की देखभाल अकेले ही की है।
 
ज़मीन पर एक कोने में अयाल की पसंदीदा डिश रखी हुई है जिसका नाम है स्ट्रोगनीना। इसे फ्रोज़न मछली के एक हिस्से को काट कर बनाते हैं। इसे कच्चा ही खाया जाता है और इसे नमक और काली मिर्च के साथ सर्व करते हैं।
दुनिया का सबसे ठंडा गांव आयमेकॉन है, जो कि इस गांव के दक्षिण पूर्व में बसा है, लेकिन गिनीज़ बुक में इस गांव का नाम सबसे कम तापमान रिकॉर्ड किए जाने के लिए दर्ज है। ठंड में यहां न्यूनतम तापमान -67.5 डिग्री दर्ज किया गया जा चुका है और गर्मियों 37।4 डिग्री सेल्सियस।
 
पानी के लिए लोगों के घर में बर्फ को काट कर भेजा जाता है। हर घर में पानी के स्टोरेज का अपना स्टॉक होता है। बर्फ के ब्लॉक को घर में पिघलाया जाता है।
 
तापमान का असर रोजमर्रा की चीजों पर भी पड़ता है। बैट्री बहुत कम देर चलती हैं।कलम की स्याही लिखने के पहले ही सूख जाती है। मेटल ग्लास पहनना हानिकारक हो जाता है।
यहां रहने वाले लोग अपनी गाड़ियों को दिनभर स्टार्ट रखते हैं। उन्हें डर होता है कि एक बार बंद होने के गाड़ियां फिर से स्टार्ट ना हो। यहां के घोड़ों और कुत्तों के शरीर पर फर होते हैं और उनका ज़्यादातर समय बाहर ही गुज़रता है। याकुट घोड़े छोटे होते हैं, उनमें ठंड के बचने की अधिक क्षमता होती है। उन्हें लोग मीट के लिए पालते हैं।
 
साईबेरिया के लोगों के लिए ये जानवर आर्थिक और आध्यात्मिक रूप से अहम हैं। अयाल अक्सर अकेले या अपने कुत्ते साथ गांव की सड़कों पर टहलता हैं। वो अक्सर सोचता हैं कि शहर में चले जाने के बाद उसकी ज़िंदगी कैसी होगी। वो बड़ा होकर एक एक्टर या लेखक बनना चाहता है। वो अपने शहर में खाली पड़ी इमारतों में भी घूमता रहता है। ऐसी ही एक बिल्डिंग में एक बीमा कंपनी हुआ करती थी।
 
शहर की कई इमारतें खाली हैं। अब सिर्फ 1131 लोग इस गांव में रहते हैं। 15 साल पहले यहां की आबादी दोगुनी थी। अपने खाली समय में अयाल अपने पड़ोसियों के साथ वीडियो गेम खेलता हे। ये गेम शहर में रहने वाले उसके भाई ने डाउनलोड कर के उसे दिया है।
 
इस इलाके में विमान के टिकट काफ़ी महंगे हैं। एक बार आने-जाने में सैंकड़ों पाऊंड खर्च होते हैं। सोवियत युग का एनटोव एएन-24 विमानों का अभी भी इस इलाके में इस्तेमाल होता है। खराब मौसम के कारण दुर्घटनाएं भी काफी होती हैं। साल 2003 से अभी तक 6 दुर्घटनाएं हो चुकी हैं।

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