ऑनलाइन डेटिंग: भारत, पाक में खासा उत्साह

BBC
बीबीसी वर्ल्ड सर्विस ने 19 देशों में इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले लगभग 11 हजार लोगों में किए सर्वेक्षण में पाया कि इनमें एक तिहाई लोग इंटरनेट को गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड बनाने का अच्छा माध्यम मानते हैं।

वेलेंटाइन डे को करीब आए इस सर्वेक्षण के नतीजे दर्शाते हैं कि पाकिस्तान के 60 प्रतिशत और भारत के 59 प्रतिशत इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले साथी तलाशने के लिए इंटरनेट को एक बेहतरीन जरिया मानते हैं।

भारत और पाकिस्तान के अलावा जिन देशों ने इंटरनेट को गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड की खोज का अच्छा जरिया बताया उनमें घाना और फिलीपींस भी शामिल हैं। घाना के 47 प्रतिशत और फिलीपींस के 42 प्रतिशत वेब इस्तेमाल करने वालों को इस मकसद के लिए इंटरनेट भाता है।

इसके विपरीत अमेरिका (21 प्रतिशत), दक्षिण कोरिया (16 प्रतिशत), ब्रिटेन (28 प्रतिशत) और फ्रांस (27 प्रतिशत) जैसे देशों के लोग इंटरनेट पर पार्टनर खोजने के बारे में ज्यादा उत्साहित नहीं दिखे।

पुरुषों में अधिक उत्साह : इंटरनेट के जरिए साथी तलाशने के मामले में महिलाओं के मुकाबले पुरुष ज्यादा उत्साहित हैं। जहाँ 33 प्रतिशत पुरुष इस माध्यम को गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड तलाशने के लिए अच्छा माध्यम मानते हैं, वहीं 27 प्रतिशत महिलाएँ इससे सहमत दिखती हैं।

जहाँ 18 से 24 साल के बीच के उम्र के 36 प्रतिशत इंटरनेट को साथी तलाशने के लिए सही माध्यम बताते हैं वहीं 65 साल के ऊपर के 23 प्रतिशत इंटरनेट यूजर्स ने भी इसे अच्छा जरिया माना। लेकिन अधिक शिक्षित लोगों में इंटरनेट के जरिए पार्टनर खोजने के बारे में उत्साह कम दिखा।

जहाँ उच्च शिक्षा पाने वाले यानी विश्वविद्यालय के स्तर तक पढ़े हुए इंटरनेट यूजर्स में 28 प्रतिशत ऑनलाइन डेटिंग के पक्ष में हैं वहीं हाई स्कूल तक ही शिक्षित इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों में 36 प्रतिशत ने साथी खोजने के लिए इसे अच्छा माध्यम माना।

ये सर्वेक्षण बीबीसी के लिए अंतरराष्ट्रीय सर्वेक्षण कराने वाली एजेंसी ग्लोबलस्कैन ने 30 नवंबर 2009 से 26 जनवरी 2010 के बीच किया है।

ग्लोबस्कैन के रिसर्च डायरेक्टर सैम माउंटफोर्ड का कहना था, 'ये दिखाता है कि इंटरनेट दुनिया में लाखों लोगों की जिंददगी में कितनी अहम भूमिका निभाता है। विशेष तौर पर विकासशील देशों में यह केवल काम करने, खरीदारी करने या दोस्तों से संपर्क साधने का ही माध्यम नहीं बल्कि अपना जीवनसाथी खोजना का भी उचित जरिया है।'

ये सर्वेक्षण आठ मार्च से शुरू हो रही बीबीसी की श्रृंखला 'सुपर पॉवर' का हिस्सा है जिसमें इंटरनेट के प्रभाव के बारे में कार्यक्रम और रिपोर्टें श्रोताओं, दर्शकों और पाठकों तक पहुँचाई जाएँगी।

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