उनके अन्य नाम विश्वम्भर मिश्र, गौरसुंदर, श्रीकृष्ण चैतन्य भारती, निमाई पंडित गौरांभ महाप्रभु, गौरहरि, आदि भी थे। वे बालपन से ही बहुमुखी प्रतिभा के धनी तथा स्वभाव से सरल और भावुक व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नादिया में पूरी की और फिर नवद्वीप में उच्च शिक्षा प्राप्त की, जो उस समय शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र था। चैतन्य महाप्रभु का विवाह 15 वर्ष की आयु में विष्णुप्रिया से हुआ था।