कैटरीना कैफ (न्यूयॉर्क, ब्लू, अजब प्रेम की गजब कहानी, दे दना दन) कैटरीना कैफ और सफलता एक-दूसरे के पर्याय बन गए हैं। दना-दन सफल फिल्में वे दे रही हैं। अब तक शो-पीस कही जाने वाली कैटरीना ने अभिनेत्री के रूप में भी अपनी धाक जमाई है। ‘न्यूयॉर्क’ में उनके अभिनय की सराहना हुई। ‘अजब प्रेम की गजब कहानी’ में रणबीर कपूर के साथ उनकी कैमेस्ट्री को खूब पसंद किया गया। सलमान से दूरी और रणबीर से नजदीकी के उनके किस्से वर्ष भर उड़ते रहे।
प्रियंका चोपड़ा (व्हाट्स योअर राशि, कमीने, बिल्लू) सफलता तो इस वर्ष प्रियंका को नहीं मिली, लेकिन इससे उनकी स्टार वैल्यू में रत्ती भर भी फर्क नहीं पड़ा। उनके अभिनय की जितनी प्रशंसा इस वर्ष हुई, शायद ही पहले कभी हुई हो। ‘व्हाट्स योअर राशि’ में प्रियंका शो देखने को मिला, जिसमें उन्होंने 12 भूमिकाओं को सफलतापूर्वक निभाया। ‘कमीने’ की स्वीटी ने सभी का दिल जीत लिया। ‘बिल्लू’ में शाहरुख की खातिर उन्होंने एक गाना कर लिया।
करीना कपूर (कुर्बान, मैं और मिसेस खन्ना, कम्बख्त इश्क, बिल्लू, 3 इडियट्स) ये करीना का ही कमाल है कि लगातार फ्लॉप फिल्म देने के बावजूद वे अपनी कीमत बढ़ाती जा रही हैं और उनका दबदबा भी बना हुआ है। ‘मैं और मिसेस खन्ना’ जैसी वर्ष की सबसे फ्लॉप फिल्मों में से एक उनके नाम है। ‘कुर्बान’ में उन्होंने खुली पीठ दिखाई, लेकिन दर्शकों ने फिल्म को ठेंगा दिखा दिया। ‘कमबख्त इश्क’ के चुंबन सीन भी फिल्म को बचा न सके। बावजूद इसके बेबो का करिश्मा जारी है। वर्ष के अंत में '3 इडियट्स' के जरिये उन्होंने सफलता का स्वाद चखा। फिल्म में भले ही उनका रोल छोटा हो, लेकिन अभिनय काबिल-ए-तारीफ है।
रानी मुखर्जी (दिल बोले हडिप्पा) दर्शकों को रिझाने के लिए रानी ने शाहिद कपूर जैसे नए छोकरे के साथ जोड़ी जमाई। क्रिकेट खेला। भाँगड़ा किया। सरदार बनी। लेकिन दर्शकों का दिल हडिप्पा नहीं बोला। रानी के पास फिल्में नहीं के बराबर हैं। लगता है कि नई हीरोइनों से यह रानी मात खा गई है।
प्रिटी जिंटा (विदेश, मैं और मिसेस खन्ना) स्टुडियो और स्टेडियम दोनों जगह प्रिटी को मात खानी पड़ी। नेस वाडिया ने साथ छोड़ दिया तो वे लंबा ब्रेक लेकर विदेश चली गई। ‘विदेश’ फिल्म को असफलता का मुँह देखना पड़ा। ‘मैं और मिसेस खन्ना’ जैसी फिल्म में उन्हें एक गाना इसलिए करना पड़ा ताकि निर्माता-निर्देशकों का ध्यान उन पर जाए।
बिपाशा बसु (आ देखें ज़रा, ऑल द बेस्ट) ‘आ देखें ज़रा’ देख दर्शकों ने कहा ‘इसमें दम नहीं जरा’। नील नितिन मुकेश के साथ उनकी जोड़ी फ्लॉप रही। ‘ऑल द बेस्ट’ के रूप में आंशिक सफलता बिपाशा को मिली। बिपाशा अभी अभिनय छोड़ने के मूड में नहीं हैं और शादी वे दो वर्ष बाद करना चाहती हैं।
विद्या बालन (पा) विद्या का करियर कछुए की चाल चल रहा है। ग्लैमरस भूमिकाओं के लिए उन्हें उपयुक्त नहीं माना जाता। ‘पा’ में उन्होंने अमिताभ बच्चन की माँ का रोल कुशलता के साथ निभाया। आने वाली फिल्म ‘इश्किया’ को लेकर वे बेहद उत्साहित हैं।
दीपिका पादुकोण (लव आज कल, चाँदनी चौक टू चाइना, बिल्लू) ‘लव’ शब्द दीपिका के लिए इस वर्ष बेहद महत्वपूर्ण रहा। ‘लव आज कल’ के रूप में दीपिका के खाते में हिट फिल्म दर्ज हुई। दूसरी ओर रीयल ‘लव’ रणबीर कपूर से उनके ब्रेकअप की खबरें आ रही हैं। ‘चाँदनी चौक टू चाइना’ में उनका डबल रोल भी फिल्म को बचा नहीं सका।
असिन (लंदन ड्रीम्स, दशावतार-डब) ’लंदन ड्रीम्स’ से जो सफलता के सपने असिन ने देखे थे, वे टूट गए। फिल्म न भारत में चली और न ही लंदन में। इस फिल्म में असिन की भूमिका देखकर उनके प्रशंसक निराश हुए। लगता है कि सिर्फ सलमान खान और अजय देवगन को देख असिन ने यह फिल्म साइन की थी।
लारा दत्ता (ब्लू, डू नॉट डिस्टर्ब, बिल्लू) ’बिल्लू’ में लारा गाँव की गोरी बनी, तो ‘ब्लू’ में उन्होंने अपने सेक्सी फिगर का प्रदर्शन किया, लेकिन बात नहीं बनी। ‘डू नॉट डिस्टर्ब’ की कॉमेडी देख दर्शकों को रोना आया। कुल मिलाकर लारा ने इस वर्ष कोई चौका या छक्का नहीं मारा।
कंगना (राज-द मिस्ट्री कन्टीन्यूज़, वादा रहा) अध्ययन की वजह से कंगना ज्यादा चर्चा में रहीं। ‘राज’ के रूप में एक औसत सफलता उनके खाते में दर्ज हुई, लेकिन ‘वादा रहा’ सफलता का वादा नहीं निभा पाई। कंगना का अब सारा ध्यान करियर पर है और वर्ष 2010 पर उनकी नजर है।