सिनेमा का एक अलग ही इतिहास है। फिल्में हिन्दी, मराठी, तमिल, अंग्रेजी, पंजाबी व चाहे जिस भाषा की हो, वो अपनी ही कहानी, स्टाइल, तरीके से दर्शकों को अपना बनाती हैं। इसका वर्ग अब काफी बढ़ गया है। फिल्मकारों की सोच, क्रिएटिविटी काफी बढ़ गई है, लोगों का दायरा बढ़ गया है, दर्शकों के हिसाब से फिल्में बंट गई हैं। जिस तरह से भारत कई भाषाओं का देश है, वैसे ही भारतीय सिनेमा जिसे 'बॉलीवुड' भी कह दिया जाता है, इसमें भी कई भाषाओं में फिल्में बनती हैं और हर एक भाषा की इंडस्ट्री का अपना अलग एक नाम होता है।
जैसा कि फैंस जानते हैं कि बॉलीवुड मुख्य तौर पर हिन्दी सिनेमा को कहा जाता है, न कि भारतीय सिनेमा को। हालांकि भारतीय सिनेमा में सबसे बड़ा वर्ग हिन्दी सिनेमा का ही है, वहीं ऐसे ही भारत की दूसरी भाषाओं की फिल्म इंडस्ट्री का अलग नाम है और अपनी पहचान है। इनकी शुरुआत की भी अपनी कहानी है। हालांकि कह सकते हैं कि हॉलीवुड से ही बाकी फिल्म इंडस्ट्री के भी नाम रखे गए हैं। इनमें अंतर यह है कि हॉलीवुड वाकई एक जगह का नाम है, वहीं बाकी फिल्म इंडस्ट्रियां अपनी जगहों के नाम पर आधारित हैं। इस विशेष अंक में सिनेमा के फैंस जान पाएंगे कि बॉलीवुड से लेकर ऐसे कई और कितने नाम पूरे देश की फिल्म इंडस्ट्री को दर्शाते हैं।
बॉलीवुड-
बॉलीवुड जिसकी शुरुआत अंग्रेजी के हॉलीवुड से भी पहले शुरू हुई थी, उसे हिन्दी सिनेमा के लिए उपयोग किया जाता है। हिन्दी सिनेमा का मुख्य गढ़ मुंबई या बॉम्बे को कहा जाता है और इसलिए ही हिन्दी सिनेमा इंडस्ट्री का नया नाम 'बॉलीवुड' पड़ा। बॉलीवुड हालांकि अब इतना आगे बढ़ चुका है कि इंटरनेशनल लेवल पर भी इसकी फिल्में दिखाई जाने लगी हैं और विदेश से भी बॉलीवुड की कई बेहतरीन फिल्में कमाई करती हैं।