अनिल चाचू के साथ शूटिंग करते समय हंसी छूट जाती थी : अर्जुन कपूर

रूना आशीष
फिल्मों में 5 साल बिता लेने वाले अर्जुन कपूर को भले ही आज बोनी कपूर के बेटे से कुछ नई पहचान मिल गई हो, लेकिन उन दर्शकों की कमी नहीं, जो 'मुबारकां' में उन्हें चाचा अनिल कपूर के साथ देखने के इंतजार में हैं। इस फिल्म में वे डबल रोल में हैं। उनसे बात कर रही हैं 'वेबदुनिया' संवाददाता रूना आशीष।
 
चाचा-भतीजे की जोड़ी कैसी रही?
बहुत मजेदार था। कुछ सीन ऐसे थे, जहां अनिल चाचू ने एक अलग ही तरह का ब्रिटिश एक्सेंट पकड़ा था। अब आप घर में उनसे बात कर रहे हैं, तो वे नॉर्मल तरीके से बात कर रहे हैं और अब जब फिल्म कर रहे हैं तो अचानक उनका एक्सेंट बदल गया तो मुझे तो सीन के बीच में ही हंसी छूट जाती थी। लेकिन उनके साथ काम करके समझ में आ गया कि वे कमाल के एक्टर हैं।
 
'मिस्टर इंडिया 2' में अनिल कपूर के किरदार में आप सटीक बैठते हैं। आप करेंगे ये फिल्म? 
आप पापा और अनिल चाचू से पूछकर बता दें कि वे क्या कहते हैं। मुझे ऐसा लगता है कि 'मिस्टर इंडिया' बच्चों के लिए बनाई गई सबसे बेहतरीन फिल्म है, तो ऐसी फिल्मों को छूने के पहले भी थोड़ा सोचना चाहिए। उस फिल्म ने हम सब पर एक छाप छोड़ी है, लेकिन यह निर्देशक पर भी निर्भर करता है। मेरी बात पूछें तो मुझे तो अच्छा ही लगेगा ना, डबल रोल करने के बाद 'मिस्टर इंडिया' में ज्यादा मजा आएगा। यहां दो बार शूट किया है और 'मिस्टर इंडिया' में दिखूंगा नहीं तो मुझे आधा ही शूट करना पड़ेगा। लेकिन तभी करूंगा, जब सबका आशीर्वाद होगा।
 
'औरंगजेब' के बाद अब एक बार फिर से डबल रोल में हैं?
मैं इस फिल्म में अपना फेवरेट को-स्टार हूं। आपने हमेशा देखा होगा कि डबल रोल वाली फिल्म में तो आप बाप-बेटे को देखते हैं या एक के जाने के बाद दूसरे की एंट्री होती है, ऐसा देखते हैं। मिस्टेकन आइडेंटिटी देखते हैं लेकिन इस फिल्म में मैंने सबसे ज्यादा अपने ही साथ एक्ट किया है, तो मुझे अपने साथ काम करके बहुत मजा आया।
 
कॉमेडी फिल्म के लिए डबल रोल करने में कुछ अलग होता है क्या?
अब लगता है कि मजा आया लेकिन जब काम कर रहे थे तो बहुत चैलेंजिंग लग रहा था। एसी कमरे में बैठकर कहानी सुनना बड़ा मजेदार लग रहा था कि मैं दो-दो कैरेक्टर करने वाला हूं लेकिन जब सेट पर पहुंचा तो लगा कि मैं अभी तो चरण था, अभी तरण बनना है। मैं अपने साथ ही रोल कर रहा था। टेक्नोलॉजी कुछ ऐसी थी कि मैं टेनिस बॉल को देखकर सारे संवाद बोल रहा था। अब कोई सीरियस फिल्म हो तो आपको संवाद बोलने के लिए समय भी मिलता है लेकिन कॉमेडी में तो आपको तुरंत रिएक्ट करना होता है, तब मुश्किल हो जाती थी। वैसे भी कॉमेडी करना इतना आसान नहीं होता है।
 
आपका फिल्म चुनने को लेकर कोई फॉर्मूला है?
फिल्म चुनने का कोई साइंस नहीं होता है। आप बस कहानी सुनते हैं और उसी आधार पर फिल्म कर लेते हैं। जब मैं 'मुबारकां' की कहानी सुन रहा था तो लगा नहीं था कि मुझे पसंद आने वाली है यह फिल्म। मैंने कहानी सुनी और लगा कि ये फिल्म मैं कल शूट करूं और परसों इस फिल्म को देख लूं। जिस फिल्म को देखकर आपके अंदर का दर्शक जाग जाए, बस वही फिल्म कर लेता हूं। फिर निर्देशक और आपकी कैसी रेपो जम रही है उस पर भी निर्भरता है। जो फिल्म वो बनाना चाहता है क्या उसकी सोच और आपकी सोच दोनों मिल रही है? और फिर देखता हूं कि मेरा रोल कैसा है।
 
आप जल्द ही परिणीति के साथ काम कर रहे हैं, उस बारे में बताएं?
मुझे खुशी है कि हम साथ में काम कर रहे हैं, क्योंकि हम दोनों की जोड़ी को बहुत पसंद किया गया था। हम अभी भी दोनों आपस में संपर्क में रहते हैं। हम दोनों की दोस्ती वाली बातें ही हैं। हाल ही में उसने रात में 2 बजे सिर्फ 'फरार' लिखकर मैसेज किया तो मैंने भी लिख दिया, 'हो जाएंगे पहले 'मुबारकां' रिलीज हो जाए फिर'। हम फिर साथ में काम कर रहे हैं तो मजा आएगा देखने में कि बतौर एक्टर उसमें कितनी तब्दीलियां आई हैं। और वो भी मुझ में कितना अंतर आया है, ये बताएगी।
 
अर्जुन की फिल्म 'मुबारकां' शुक्रवार, 28 जुलाई को रिलीज हो रही है।
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