1) मन्ना डे का वास्तविक नाम प्रबोध चन्द्र डे है। मन्ना उनका निक नेम है, जो उनके अंकल ने उन्हें दिया।
2) कलकत्ता के स्कॉटिश कॉलेज में उन्होंने संगीत प्रतियोगिता तीन वर्ष लगातार जीती तो आयोजकों ने उन्हें चाँदी का तानपुरा देकर कहा कि वे आगे से प्रतियोगिता में भाग नहीं लें।
3) मन्ना डे के सामने दो विकल्प थे। या तो उन्हें बैरिस्टर बनना था या सिंगर। मन्ना डे ने सिंगर बनना पसंद किया और अपने अंकल केसी डे के साथ 1943 में मुंबई आ गए।
4) केसी डे दृष्टिहीन थे और उन्हें संगीत की गहरी समझ थी। उन से ही मन्ना डे संगीत की शिक्षा ली।
5) 23 वर्षीय मन्ना डे को विजय भट्ट की फिल्म राम राज्य में पहला गाने का अवसर संगीतकार शंकर राव व्यास ने दिया। यह एक धार्मिक गाना था। इसके बाद मन्ना डे को धार्मिक गानों के ही ऑफर मिलने लगे जिससे मन्ना डे खफा हो गए।
6) ऐसे वक्त एसडी बर्मन ने उनकी मदद की। बर्मन के संगीत निर्देशन में मन्ना डे ने 'ऊपर गगन विशाल' फिल्म मशाल के लिए गया जो हिट रहा और मन्ना डे के लिए नई राह खुली।
7) मन्ना डे ने हमेशा एस डी बर्मन के प्रोत्साहन का अहसान माना। दूरदर्शन को दिए एक इंटरव्यू में मन्ना डे कहा मैं उनके गाने गाकर धन्य हो गया हूं।
8) धार्मिक फिल्मों के गायक की इमेज तोड़ने में मन्ना डे को लगभग सात वर्ष लगे।
9) काबुलीवाला के गाने 'ऐ मेरे प्यारे वतन' से मन्ना डे लोकप्रियता की बुलंदियों को छू लिया।
10) क्लासिकल नंबर्स गाने में मन्ना डे का मुकाबला फिल्म इंडस्ट्री का कोई गायक नहीं कर सकता था। जब भी कोई कठिन गीत होता था, संगीतकार मन्ना डे को ही याद करते थे।
11) मन्ना डे की यह बदकिस्मती थी कि ज्यादातर उन्होंने सी-ग्रेड फिल्मों के लिए गाने गाए, लेकिन उनके गाने ए-ग्रेड होते थे।
12) मन्ना डे को उनकी प्रतिभा के अनुरूप सफलता नहीं मिली। इसका कारण ये था कि वे किसी कैम्प का हिस्सा नहीं थे। उस समय भारतीय फिल्म संगीत में खेमेबाजी जोरों से थी।
13) मन्ना डे की प्रतिभा के सभी कायल थे, लेकिन साइड हीरो, कॉमेडियन, भिखारी, साधु पर कोई गीत फिल्माना हो तो मन्ना डे को याद किया जाता था।
14) कहा तो ये भी जाता था कि मन्ना डे से दूसरे गायक भयभीत थे इसलिए वे नहीं चाहते थे कि मन्ना डे को ज्यादा अवसर मिले।
15) मन्ना डे के मोहम्मद रफी बेहद अच्छे दोस्त थे और रफी को मन्ना डे सबसे उम्दा गायक मानते थे।
16) लागा चुनरी में दाग गाने के लिए जब मन्ना डे को कोई अवॉर्ड नहीं मिला तो उन्हें बुरा लगा। जबकि ‘ऐ भाई जरा देख के चलो’ के लिए जब उन्हें अवॉर्ड मिला तो उन्हें आश्चर्य हुआ।
17) मन्ना डे के गाने की जब रिकॉर्डिंग होती थी तो वे सबसे पहले स्टुडियो पहुंच जाते थे। उनका कहना है कि वे गाने को जन्म लेते हुए देखना चाहते हैं, इसलिए स्टुडियो सबसे पहले पहुंच जाते थे।
18) कोलकाता का हर शख्स फुटबॉल प्रेमी होता है। मन्ना डे भी फुटबॉल जवानी के दिनों में खेला करते थे।
19) मन्ना डे की अंग्रेजी सुन कई लोग उन्हें अंग्रेजी का प्रोफेसर समझ जाया करते थे।
20) मन्ना डे ने कई गैर फिल्मी गाने, गजल भी गाए। हिंदी के अलावा उन्होंने अपनी मातृभाषा बंगला में भी गाया।