लता मंगेशकर, यह नाम सुनते ही कानों में एक मीठी मधुर आवाज शहद की मानिंद घुलने लगती है। एक विनम्र मुस्कुराती प्रतिमूर्ति आंखों के समक्ष उभरने लगती है। स्वत: ही हमारा मन श्रद्धा से भर उठता है। उनके सम्मान में जितना श्रेष्ठ लिखा जाए कम ही लगता है।
अरबों-खरबों जनता को समेटती इस धरा पर ऐसे विलक्षण जादू विरले ही मिलते हैं। उनकी सुरीली आवाज का दिव्य-अमृत हमारे कानों में पड़ता है और हम समूची कायनात की इस सबसे विशिष्ट आवाज के प्रति नत मस्तक हो जाते हैं।
लता मंगेशकर ने हमेशा 'क्वांटिटी' की बजाय 'क्वॉलिटी' को महत्व दिया, इसलिए उनके द्वारा गाया लगभग हर गीत अपने आप में अनोखा है, बेहतरीन है, सुनने लायक है। उन्होंने हजारों गाने गाए और उनमें से चंद गीतों को सर्वश्रेष्ठ कहना नाइंसाफी होगी। कई गीत ऐसे भी हैं जो कुछ कारणों से लोकप्रिय नहीं हो पाए, फिर भी उम्दा है।
समय-समय पर कई गीतकारों, संगीतकारों, अभिनेताओं ने लता के श्रेष्ठ गीतों की सूची बनाने की कोशिश की है, लेकिन उनके सामने भी यही समस्या रही है कि किसे शामिल करें और किसे छोड़े। वैसे तो पचास और साठ का दशक फिल्म संगीत के लिहाज से स्वर्णिम काल माना जाता है, लेकिन यहां हमने हर दौर के लता द्वारा गाए गीतों को शामिल करने की कोशिश की है। पेश है उनके श्रेष्ठ 30 गीत :
उठाए जा उनके सितम (अंदाज)
हवा में उड़ता जाए (बरसात)
आएगा आएगा आएगा आने वाला (महल)
घर आया मेरा परदेसी (आवारा)
तुम न जाने किस जहाँ में (सजा)
ये जिंदगी उसी की है (अनारकली)
मन डोले मेरा तन डोले (नागिन)
मोहे भूल गए साँवरिया (बैजू बावरा)
यूँ हसरतों के दाग (अदालत)
जाएँ तो जाएँ कहाँ (टैक्सी ड्राइवर)
प्यार हुआ इकरार हुआ (श्री 420)
रसिक बलमा (चोरी चोरी)
ऐ मालिक तेरे बंदे हम (दो आँखे बारह हाथ)
आ लौट के आजा मेरे गीत (रानी रूपमती)
प्यार किया तो डरना क्या (मुगल ए आजम)
ओ बसंती पवन पागल (जिस देश में गंगा बहती है)
ज्योति कलश छलके (भाभी की चूड़ियाँ)
अल्लाह तेरो नाम (हम दोनों)
पंख होते तो उड़ आती रे (सेहरा)
बिंदिया चमकेगी (दो रास्ते)
चलते चलते (पाकीजा)
सुन साहिबा सुन (राम तेरी गंगा मैली)
कबूतर जा जा(मैंने प्यार किया)
मेरे हाथों में नौ-नौ चूड़ियाँ है (चाँदनी)
यारा सीली सली (लेकिन)
दीदी तेरा देवर दीवाना (हम आपके है कौन)
मेरे ख्वाबों में जो आए (दिलवाले दुल्हनिया ले जाएँगे)