राजकुमार कोहली: मल्टीस्टारर और फॉर्मूला फिल्म बनाने के लिए जाने जाते थे

समय ताम्रकर
शुक्रवार, 24 नवंबर 2023 (13:56 IST)
सत्तर और अस्सी के दशक में राजकुमार कोहली बड़ा नाम थे और फिल्म के पोस्टर पर उनका नाम देख दर्शक सिनेमा का टिकट खरीदते थे। कोहली का विश्वास मसाला फिल्म बनाने में था। वे फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर, ठेले चलाने वाले श्रमिक, बोरी उठाने वाले हम्माल वाले दर्शक वर्ग के लिए फिल्म बनाते थे। दिन भर कठिन परिश्रम करने वाला ये दर्शक सिनेमा में सुकून तलाशने आता था। खूबसूरत हीरोइनें, बलशाली हीरो, मधुर गाने, थोड़ा सा रोमांस, जोरदार फाइट सीन देख ये अपनी थकान भूल जाते थे। कोहली अपनी फिल्मों में ढेर सारे नामी स्टार्स लेते थे। धर्मेन्द्र, सुनील दत्त, जीतेन्द्र, कमल हासन, जैसे कलाकारों को एक ही फिल्म में लेने का बजट और साहस उनमें ही था। 
 
मसाला फिल्म मनमोहन देसाई भी बनाते थे, लेकिन राजकुमार कोहली का स्तर देसाई जैसा नहीं था। सिनेमा के नाम पर कोहली बहुत ज्यादा छूट ले लेते थे इसलिए लॉजिक तलाशने वाले दर्शक कोहली की फिल्मों से दूरी बना लेते थे। लेकिन राजकुमार कोहली को इसकी परवाह नहीं थी क्योंकि उनका दर्शक वर्ग इस तरह की बातें नहीं सोचता था। 
 
राजकुमार कोहली की फिल्में बेतरतीब हुआ करती थी। कहानी में बिखराव होता था। कन्टीन्यूटी का अभाव लगता था। हीरो और विलेन महल में लड़ते हुए अचानक जंगल में या झरने तक कैसे पहुंच गए, ऐसे सवाल कोहली की फिल्मों को देख ही उठते थे। पर जो दर्शक वर्ग कोहली की फिल्म देखता था वो फाइट सीन में ही इतना खो जाता था कि इस तरह की बातें नहीं करता था। 
 
राजकुमार कोहली को बड़ी सफलता फिल्म 'नागिन' (1976) से मिली थी। सुनील दत्त, फिरोज खान, संजय खान, जीतेन्द्र, रीना रॉय, विनोद मेहरा, योगिता बाली, कबीर बेदी जैसे तमाम बड़े सितारे इस फिल्म में मौजूद थे। फिल्म सुपरहिट रही और मल्टीस्टारर फिल्मों का एक तरह से चलन शुरू हो गया। कोहली के हाथ भी हिट फिल्मों का फॉर्मूला लग गया। ढेर सारे स्टार्स लो, बड़ी आसान सी फॉर्मूलेटिक कहानी लो, चंद फाइट सीन और मधुर गाने लेकर हिट फिल्म बना डालो। यह काम कोहली ही कर सकते थे। 
 
नागिन के बाद जानी दुश्मन (1979), बदले की आग (1982), नौकर बीवी का (1983), राजतिलक (1984), इंसानियत के दुश्मन (1987), साजिश (1988), बीस साल बाद (1988) जैसी सफल फिल्में उन्होंने बनाई। इनमें कमल हासन, मिथुन चक्रवर्ती, राजकुमार, डिम्पल कपाड़िया जैसे सितारे भी नजर आए क्योंकि कोहली बड़ा नाम थे और उनके साथ काम करना हिट फिल्म की गारंटी माना जाता था।  
 
बदलते दौर के साथ बदल न पाने के कारण और अपने बेटे अरमान कोहली को हीरो बनाने के चक्कर में कोहली ने कई फ्लॉप फिल्म बना डाली। विरोधी, औलाद के दुश्मन, कहर, जानी दुश्मन उन्होंने अरमान कोहली को लेकर बनाई लेकिन उसे स्टार नहीं बना सके। दर्शकों की पसंद बदल गई लेकिन कोहली की फिल्ममेकिंग स्टाइल नहीं बनी। उम्र भी बढ़ गई लिहाजा वे फिल्मों से दूर हो गए। 
 
कला के पैमाने पर राजकुमार कोहली की फिल्में खरी नहीं उतरती हों, लेकिन व्यावसायिक फिल्म और मल्टीस्टारर फिल्म बनाने में उन्होंने सफलता पाई। 

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