आलिया भट्ट की 'गंगूबाई काठियावाड़ी' के खिलाफ दर्ज केस को कोर्ट ने किया रद्द, जानिए क्या है मामला

Webdunia
शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2021 (11:15 IST)
संजय लीला भंसाली और आलिया भट्टी की फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' अपनी घोषणा के समय से ही सुर्खियों में बनी हुई है। इस फिल्म की कहानी हुसैन जैदी की किताब पर आधारित है। फिल्म की कहानी को लेकर संजय, आलिया भट्ट और फिल्म के लेखक हुसैन जैदी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया था।

 
अदालत ने इन तीनों ही हस्तियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। अब मुंबई की एक कोर्ट ने इस मामले में बड़ी राहत दी है। 'गंगूबाई काठियावाड़ी' के खिलाफ दर्ज मामले को मुंबई की सिविल कोर्ट ने रद्द कर दिया है।
 
दरअसल, भंसाली की यह फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी नामक वेश्या के जीवन को केंद्र में रख कर बनाई जा रही थी। गंगूबाई के बेटे बाबूजी रावजी शाह ने आलिया और संजय सहित फिल्म निर्माताओं के खिलाफ मुंबई के एक सिविल कोर्ट में याचिका दर्ज करवाई थी याचिका में कहा गया था कि गंगूबाई के परिवार वालों को इस फिल्म की कहानी से परेशानी है।
 
इसलिए उन्होंने भंसाली, आलिया और फिल्म के लेखक हुसैन जैदी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था। गंगूबाई का असली नाम गंगा हरजीवदास था, जो गुजरात के काठियावाड़ी की रहने वाली थीं। उन्हें 16 साल की उम्र में अपने पिता के अकाउंटेट से प्यार हो गया था और वह उससे शादी करके मुंबई भाग आई थीं।
 
कहा जाता है कि उनके पति ने उन्हें 500 रुपये में बेच दिया था। इसके बाद वह वेश्यावृत्ति करने लगी। उन्होंने बाद में अपने जीवन में महिलाओं के हित में कई काम किए और गंगूबाई काठियावाड़ी के नाम से मशहूर हुईं। भंसाली की यह फिल्म हुसैन जैदी की लिखी गई किताब 'माफिया क्वीन ऑफ मुंबई' पर आधारित है। जैदी ने अपनी इस किताब में गुजरात के काठियावाड़ी की एक लड़की गंगा हरजीवनदास की जिंदगी के कई परतों को खोला है।
 
इस फिल्म की शूटिंग मुंबई में हुई है। इस फिल्म में मार्मिक पात्रों को पर्दे पर दिखाने की कोशिश की गई है। बीते साल दिसंबर में गंगूबाई के बेटे बाबूजी ने संजय, आलिया, भंसाली प्रोडक्शन, लेखक हुसैन और रिपोर्टर जेन बोर्गिस के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में उन्होंने फिल्म की शूटिंग को रोकने की मांग की थी। 
गंगूबाई के बेटे बाबूजी ने हुसैन की किताब को भी विवादित बताया था। उन्होंने याचिका में दावा किया था कि किताब उनके निजी मामलों में दखल देती है। इसलिए उन्होंने फिल्म के कुछ सीन को डिलीट करने की मांग की थी। कोर्ट की सुनवाई के दौरान संजय की लीगल टीम ने दावा किया था कि बाबूजी शाह के पास कोई सबूत नहीं हैं। वह साबित नहीं कर सके कि यह फिल्म उनकी निजी जिंदगी को प्रभावित करती है।

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