एफटीआईआई की दूसरी बार किसी शॉट फिल्म ने कान में पुरस्कार जीता है। चिदानंद एस नाइक की फिल्म 'सनफ्लॉवर वेयर द फर्स्ट वन्स टू नो' ने सबसे बेहतरीन शॉट स्टोरी के लिए 'ला सिनेफ का' पहला पुरस्कार जीता है, जो भारत के लिए एक बहुत बड़ी जीत है।
एफटीआईआई के छात्र चिदानंद एस नाइक की फिल्म 'सनफ्लावर वेयर द फर्स्ट वन्स टू नो' ने इस अवॉर्ड के लिए 17 फिल्मों को हराया। ये फिल्में ग्लोबली 555 फिल्म स्कूलों से 2,263 सबमिशन के विशाल पूल में से चुनी गई 18 फिल्मों में से थीं।
अपनी फिल्म को कान फिल्म फेस्टिवल में मिले इस सम्मान की खुशी व्यक्त करते हुए चिदानंद ने कहा, हमारे पास केवल चार दिन ही थे। मुझे ये कहा गया था कि मुझे ये फिल्म नहीं बनानी चाहिए। यह कर्नाटक की लोककथाओं पर आधारित फिल्म है। ये वो कहानियां हैं, जिन्हें सुनकर हम बड़े हुए है। मैं इस आइडिया को बचपन से ही अपने साथ लेकर चल रहा था।
चिदानंद एस नाइक की फिल्म 'सनफ्लॉवर वेयर द फर्स्ट वन्स टू' की कहानी कन्नड़ में रहने वाले लोगों की कहानियों पर आधारित है। फिल्म में एक बूढ़ी महिला के बारे में बताया गया है, जो एक मुर्गी चुरा लेती है और अपने पूरे गांव का भविष्य अंधकार में धकेल देती है।