मुंबई के आईकॉनिक डेविड ससून लाइब्रेरी के क्लॉक टॉवर पर हुआ ग्यारह ग्यारह का शानदार 3D प्रोजेक्शन

WD Entertainment Desk

शनिवार, 10 अगस्त 2024 (18:02 IST)
Web Series Gyaarah Gyaarah : शुक्रवार की शाम को लोगों की निगाहें मुंबई के आईकॉनिक डेविड ससून लाइब्रेरी के क्लॉक टॉवर पर टिकी हुई थीं, क्योंकि यहां जी5 ने अपनी मिस्ट्री थ्रिलर 'ग्यारह ग्यारह' का दिल को लुभाने वाला 3D प्रोजेक्शन आयोजित किया। मुंबईवासियों के लिए यह नज़ारा हैरत में डालने वाला था, क्योंकि विभिन्न भाषाओं की कहानी को दशकों तक पहुंचाने वाले प्लेटफ़ॉर्म ने इस मिस्ट्री ड्रामा की एक झलक दिखाकर राहगीरों और वहां खड़े लोगों का दिल जीत लिया। 
 
गुनीत मोंगा की सिख्या एंटरटेनमेंट और करण जौहर की धर्माटिक एंटरटेनमेंट द्वारा साथ मिलकर प्रोड्यूस की गई सीरीज 'ग्यारह ग्यारह' का निर्देशन उमेश बिष्ट ने किया है, जिसमें राघव जुयाल, कृतिका कामरा और धैर्य करवा की दमदार तिकड़ी ने मुख्य किरदार निभाए हैं। डेविड ससून लाइब्रेरी को अपनी विक्टोरियन गोथिक आर्किटेक्चर के लिए जाना जाता है, जो मुंबई की विरासत का बेहद अहम हिस्सा है। 
 
9 अगस्त को इस सीरीज को रिलीज़ किया गया और उसी दिन मुंबई के सबसे ऐतिहासिक स्थलों में से एक की पृष्ठभूमि में इस बेहतरीन शो के ज़रिए सीरीज़ की शानदार झलक पेश की गई, जिसमें समय का रुख मोड़ने वाली कहानी को जीवंत किया गया। ZEE5 की यह कोशिश इस बात की मिसाल है कि, ब्रांड लोगों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ने वाली अपनी पहलों के माध्यम से हर वर्ग के दर्शकों का मनोरंजन करने और उन्हें अपने साथ जोड़ने के विज़न पर कायम है। 
 
सिख्या एंटरटेनमेंट और धर्माटिक एंटरटेनमेंट, दोनों ही क्रिएटिव क्षेत्र में माहिर हैं और इसी वजह से 'ग्यारह ग्यारह' को शुरुआत से ही शानदार रिव्यू मिल रही है। शुक्रवार को सुबह से ही ZEE5 पर दर्शकों की भागीदारी में बढ़ोतरी देखी गई, और इसी वजह से इस शो को देखने वाले दर्शकों की संख्या में भी काफी वृद्धि हुई। 
 
'ग्यारह ग्यारह' में राघव जुयाल, कृतिका कामरा और धैर्य करवा ने मुख्य किरदार निभाए हैं। यह वर्तमान समय (2016) के एक युवा पुलिस अधिकारी युग आर्य (राघव जुयाल) की कहानी है, जो खुद को एक रहस्यमयी वॉकी-टॉकी के ज़रिये 1990 के दशक के एक अनुभवी जासूस शौर्य अंथवाल (धैर्य करवा) के साथ रहस्यमय तरीके से जुड़ा हुआ पाता है। वामिका रावत (कृतिका कामरा) बस कुछ ही पलों के लिए सामने आने वाले इस रहस्य की सबसे अहम कड़ी है, जिसे शौर्य के रहस्यमय तरीके से गायब होने से पहले उनसे सीखने का मौका मिला था, जो अब मौजूदा दौर के युवा पुलिस अधिकारी, युग आर्य का मार्गदर्शन कर रही है। 
 
जब शौर्य और युग ठंडे पड़ चुके कुछ मामलों को सुलझाने के लिए साथ मिलकर काम करते हैं, तो वे अनजाने में ही एक ऐसे सिलसिले की शुरुआत कर देते हैं, जिसके बाद उनकी हर कामयाबी के साथ इतिहास की दिशा बदल जाती है। हर बार घड़ी की टिक के साथ, 'ग्यारह ग्यारह' में अतीत और वर्तमान के इस टकराव के बीच रहस्य की एक नई परत सामने आती है, जो दर्शकों को समय के ताने-बाने पर ही सवाल उठाने पर मजबूर कर देती है।
 
राघव जुयाल ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, आख़िरकार, इंतज़ार ख़त्म हुआ! हम सभी ZEE5 पर 'ग्यारह ग्यारह' के प्रीमियर को लेकर बेहद उत्साहित हैं। मैं अब तक जितने भी शो किए हैं यह उनसे बिल्कुल अलग है, और मैं चाहता हूँ कि दर्शक जल्द-से-जल्द इसका आनंद लें। डेविड ससून लाइब्रेरी में क्लॉक टॉवर कार्यक्रम सच में बेहद शानदार था। हमने अत्याधुनिक 3D प्रोजेक्शन मैपिंग तकनीक के ज़रिये अपनी कहानी को इस ऐतिहासिक इमारत पर जीवंत होते देखा, जो सचमुच ZEE5 पर इस सीरीज़ की शुरुआत की घोषणा करने का सबसे अच्छा तरीका था। 
 
कृतिका कामरा ने बताया, हम इस बात से बहुत उत्साहित हैं कि आख़िरकार 'ग्यारह ग्यारह' ZEE5 पर रिलीज़ हो गई है, और सच कहूँ तो अब मुझे भी 11:11 के जादू पर यकीन होने लगा है! डेविड ससून लाइब्रेरी के क्लॉक टॉवर पर 3D प्रोजेक्शन हम सभी के लिए गौरव का लम्हा था। 3D प्रोजेक्शन, लाइट्स, साउंड और ड्रामा के ज़रिये 'ग्यारह ग्यारह' के जादू को जीवंत होते देखने का अनुभव बड़ा रोमांचक था। इसकी शुरुआत बड़ी शानदार हुई है, जो इस शानदार इमारत की ओर हर किसी का ध्यान खींचती है। 
 

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