मंदाना करीमी, अजमा फल्लाह और मुनव्वर फारूकी एक ही पिंजड़े में कैद किए गए हैं। अजमा मुनव्वर से कहती हैं कि मंदाना कह रही थीं कि यह मुनव्वर के बाप की जेल नहीं हैं। इस बात पर मुनव्वर भड़क जाते हैं और मंदाना से बात करने के लिए जाते हैं।
अपने बचाव में मंदाना कहती हैं कि यह एक सामान्य स्टेटमेंट था और यह उन्हें निशाना बनाने के लिए नहीं कहा गया था। इस पर मुनव्वर चेतावनी देते हुए कहते हैं, 'अपनी औकात में रहियो, बाप पे मत जाना।'
इसपर शिवम शर्मा ने मंदाना का बचाव करने की कोशिश करते हैं और मुनव्वर से कहते हैं कि वह गलत कह रहा है। मुनव्वर दोबारा मंदाना के पास कहते हैं, 'कभी मेरे मां-बाप के बारे में बात मत करना। मेरे मां-बाप की इज्जत से बढ़कर कुछ नहीं है, यहां तक कि यह शो भी नहीं। और यह बात सभी पर लागू होती है। कोई किसी के पैरंट्स के बारे में गलत नहीं बोलेगा।'
इसके बाद मुनव्वर और भड़क जाते हैं और चिल्लाते कहते हैं, अगर मैं खड़ा हूं तो मैं अपने पैरंट्स के बारे में एक साधारण स्टेटमेंट भी नहीं सुन सकता। मेरे बाप पर नहीं जाना। मैं यहां पर सभी की बहुत इज्जत करता हूं। वह मंदाना को चेतावनी देते हुए कहते हैं, मेरे नेचर को साधारण मत लेना।