मनोज बाजपेयी ने कहा, जब आप किसी थिएटर ग्रुप में होते हैं और कोई व्यक्ति स्मोकिंग कर रहा होता है, तो वो कभी अकेले नहीं करते। कोई भी अकेले एक सिगरेट नहीं पीता क्योंकि कोई भी इसे अफोर्ड ही नहीं कर सकता। इसलिए अगर किसी के पास एक सिगरेट होती, तो उसे चार लोगों के साथ शेयर करना पड़ता था।
उन्होंने कहा, भले ही उनके पास सिगरेट का एक पैकेट खरीदने के लिए पैसे हों या सिर्फ एक सिगरेट खरीदने के लिए, वह इसे अकेले नहीं पी सकते क्योंकि बीते वक्त में दूसरों ने इसे उनके साथ शेयर किया है और अब इसे शेयर करने की बारी उनकी है।