मौनी रॉय ने कहा, 'मैं बचपन में भागवत गीता का सार पढ़ा था, लेकिन अब तक इसे समझ नहीं पाई थी। मेरी एक फ्रेंड ने भागवत गीता पढ़नी शुरू की और लॉकडाउन से पहले मैंने भी वह क्लास अटेंड की। हेक्टिक शेड्यूल की वजह से मैं ज्यादा क्लास अटेंड नहीं कर पाई। लेकिन लॉकडाउन के दौरान मैं बहुत धार्मिक थी। मुझे लगता है कि इसे स्कूल सिलेबस का हिस्सा होना चाहिए। मेरे हिसाब से यह धार्मिक किताब से बढ़कर है।