अौर व दिन आया जब गंगा माँ ने बहना बंद कर दिया। कभी सूखी, तो कभी बाड़ में। प्यासे लोग चिल्ला उठे। ‘माँ, आप कहॉ हो ?’
— Shekhar Kapur (@shekharkapur) August 7, 2020
गौमुख से माँ कि अावाज उठी।
‘तुम अपने ही स्वार्थ में मग्न हो । अपने ही लाभ में । अपनी माँ को भूल गए।पानी किसका है, यह भी भूल गए’
हम तुम और पानी, एक कहानी । #पानी
If you want to journey with the Gods, or your creativity, you have to walk each step in devotion. In humility. God willing #Paani will get made one day. If it does, I will dedicate it to Sushant. But it has to be made with partners that walk in humility, not in arrogance. pic.twitter.com/pWzTt04IbK
— Shekhar Kapur (@shekharkapur) July 22, 2020