14 नवंबर की सुबह फिल्म अभिनेत्री श्यामा का 82 वर्ष की आयु में निधन हो गया। 7 जून 1935 को लाहौर में जन्मी श्यामा ने आरपार (1954), बरसात की रात (1960) और तराना जैसी फिल्मों के जरिये लोकप्रियता हासिल की थी।
इसके अलावा सावन भादो, दिल दिया दर्द लिया, मिलन, शारदा जैसी फिल्मों में भी अभिनय किया। 1950 और 60 के दशक में वे व्यस्त और सफल रही थीं। शारदा फिल्म के लिए उन्हें सहायक अभिनेत्री का फिल्मफेअर अवॉर्ड भी मिला था।
श्यामा पर फिल्माए गए 'ऐ दिल मुझे बता दे', 'ओ चांद जहां वो जाए', 'ऐ लो मैं हारी पिया', 'देखो वो चांद छुप के करता है क्या इशारे', 'जा रे कारे बदला' बेहद प्रसिद्ध हुए थे।
1953 में श्यामा की शादी निर्देशक फली मिस्त्री से हुई थी। श्यामा के दो बेटे फारुख और रॉबिन तथा एक बेटी शिरीन हैं। श्यामा के पति का 1979 में निधन हो गया था।
डेढ़ सौ से भी अधिक फिल्म करने वाली श्यामा का वास्तविक नाम खुर्शीद अख्तर था, जिसे बदल कर श्यामा निर्देशक विजय भट्ट ने कर दिया था।