Elvish Yadav first night in jail: मशहूर यूट्यूबर एल्विश यादव जहरीले सांपों की खरीद-फरोख्त और रेव पार्टी मामले में मुश्किल में पड़ गए हैं। बीते दिन नोएडा पुलिस ने एल्विश से पूछताछ की। इस दौरान एल्विश ने आरोप कबूल कर लिए। एल्विश पर आरोप थे कि वह रेव पार्टियों में सांप और सांपों के जहर की सप्लाई करते हैं।
गिरफ्तारी के बाद एल्विश यादव को कोर्ट में पेश किया। इसके बाद गौतमबुद्धनगर में एक अदालत ने एल्विश को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। कोर्ट के आदेश के बाद यूट्यूबर को गौतमबुद्धनगर के जिला कारागार में भेज दिया गया है।
बताया जा रहा है कि एल्विश यादव को जेल में अभी क्वॉरेंटाइन बैरक में रखा गया है। जल्द ही उन्हें हाई सिक्योरिटी बैरक में शिफ्ट किया जाएगा। जेल में एल्विश की पहली रात करवट बदलते हुए गुजरी। वह जेल में बेचैन दिखाई दिए। एल्विश ने जेल का थोड़ा हल्का खाया खाना
जेल के नियमानुसार एल्विश यादव को तीन कंबल दिए गए। खबरों के अनुसार जेल अधीक्षक अरुण प्रताप सिंह ने बताया कि एल्विश यादव को रात के समय जेल के मेन्यू के अनुसार खाना दिया गया था। खाने में पूड़ी-सब्जी और हलवा दिया गया। आज सुबह नियमानुसार चाय नाशता उपलब्ध करवाया गया।
इस मामले में एल्विश समेत 6 लोगों के खिलाफ मेनका गांधी की संस्था द्वारा केस भी दर्ज कराया गया था। पुलिस पांच आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी थी, जो फिलहाल जमानत पर बाहर है। पुलिस ने एल्विश यादव से पहले भी पूछताछ की थी, लेकिन तब उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था।
क्या है मामला
मेनका गांधी द्वारा संचालित पीएफए ऑर्गेनाइजेशन में एनिमल ऑफिसर गौरव गुप्ता ने सेक्टर-49 थाने में दी शिकायत में बताया था कि उन्हें सूचना मिली कि एल्विश यादव स्नेक वेनम व जिंदा सांपों के साथ नोएडा सहित समूचे एनसीआर के फार्म हाउस में अपने गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ वीडियो शूट कराता है और गैर कानूनी रूप से रेव पार्टियों को अंजाम देता है।
इसके बाद नोएडा पुलिस ने सेक्टर 49 में रेड डालकर 5 लोगों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने यहां से 5 कोबरा सांप बरामद किए थे। जब पुलिस ने गिरफ्तार लोगों से पूछताछ की तो इसमें एल्विश यादव का नाम भी सामने आया था। जिसके बाद पुलिस ने एल्विश के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कर ली थी।
इन धाराओं में दर्ज हुआ केस
पुलिस के मुताबिक, मामला वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 284 (जहर से संबंधित लापरवाही भरा आचरण) और 289 (जानवरों के संबंध में लापरवाही भरा आचरण) के प्रावधानों के तहत दर्ज किया गया था। मादक पदार्थ पर रोकथाम संबंधी एनडीपीएस अधिनियम के प्रावधानों के तहत भी आरोप जोड़े गए हैं।