सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद बॉलीवुड इंडस्ट्री में एक बार फिर नेपोटिज्म की जंग छिड़ गई है। बॉलीवुड से जुड़े कई कलाकारों ने मेंटल प्रेशर और स्ट्रगल के बारे में बात की है। हाल ही में एक इंटरव्यू में एक्टर सोनू सूद ने भी इस मुद्दे पर अपने विचार रखे हैं।
एक न्यूज पोर्टल को दिए इंटरव्यू में सोनू सूद ने कहा, लोग कुछ दिनों तक इस मुद्दे पर बात करेंगे, फिर इसे भूल जाएंगे। फिर कोई इस इंडस्ट्री में एक्टर बनने के लिए आएगा और फिल्म पाने के लिए स्ट्रगल करेगा।
सोनू सूद ने अपनी स्ट्रगल के दिनों को याद करते हुए कहा कि जब वह फिल्म सिटी में पहली बार शूटिंग देखने गए तो वॉचमैन को 500 रुपए दिए थे। वहां पर किसी ने मुझसे पूछा कि क्या आप एक्टर हैं। इस पर उन्होंने इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि वह खुद फिल्म की शूटिंग देखने आए हैं।
उन्होंने कहा, उस समय महसूस हुआ कि एक्टर बनना तो बहुत आसान है लेकिन सच में ऐसा नहीं होता है। आप कितने भी टैलंटेड और स्ट्रॉन्ग क्यों न हो, इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाना बहुत मुश्किल है। इंडस्ट्री में बहुत ही कम आउटसाइडर हैं जो सक्सेस हुए हैं। उनके पास स्ट्रगल का पार्ट है और वह आज गर्व से कह सकते हैं कि इससे वह एक बेहतर और समझदार आदमी बने हैं।
वहीं, परिवारवाद पर बात करते हुए एक्टर ने कहा कि किसी की मृत्यु के लिए एक ही चीज पर आरोप लगाना ठीक नहीं है।जब लोग बॉलीवुड के बड़े सितारों और स्टार किड्स को किसी के निधन का जिम्मेदार ठहरा रहे हैं तो यह उन लोगों के लिए भी मुश्किल है किसी के निधन का आरोप सुनना।
बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत ने 34 वर्ष की उम्र में मुंबई स्थित अपने घर में 14 जून को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। उनके निधन के बाद से ही लोग लगातार परिवारवाद को लेकर आवाज उठा रहे हैं। सुशांत ने फिल्म 'काई पो छे' से बॉलीवुड इंडस्ट्री में कदम रखा था।