उत्तरा बावकर नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा की स्टूडेंट रही थीं। उन्होंने थिएटर के नई नाटकों में काम किया। उन्हें 1984 में संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड मिला था। उत्तरा को गोविंद निहलानी की फिल्म 'तमस' से जबरदस्त पहचान मिली थी। 1978 में उन्हें मृणाल सेन की फिल्म एक दिन अचानक के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिया गया था।
फिल्मो के अलावा उत्तरा बावकर ने टीवी शोज और मराठी सिनेमा में भी काम किया। वह उड़ान, अंतराल, एक्स ज़ोन, रिश्ते कोरा कागज़, नज़राना, जस्सी जैसी कोई नहीं, कशमकश ज़िंदगी की और जब लव हुआ जैसे लोकप्रिय टीवी शो में काम कर चुकी थीं।
Edited By : Ankit Piplodiya