एक पहेली लीला : फिल्म समीक्षा

पुनर्जन्म की कहानी पर फिल्म बनाना बहुत मुश्किल है क्योंकि यह विषय अविश्वसनीय है। दर्शकों को यकीन दिलाने के लिए बेहद ठोस स्क्रिप्ट लिखना होती है जो हर किसी के बस की बात नहीं है। 'एक पहेली लीला' भी इस कमी से जूझती नजर आती है। स्क्रिप्ट के साथ-साथ निर्देशन और अभिनय का डिपार्टमेंट भी कमजोर है और फिल्म केवल सनी लियोन का स्किन शो बन गई है। 
 
मीरा (सनी लियोन) लंदन में रहने वाली मॉडल है। एक असाइनमेंट के सिलसिले में वह राजस्थान आती है जहां उसकी मुलाकात रणवीर (मोहित अहलावत) से होती है। दोनों में इश्क हो जाता है और वे शादी कर लेते हैं। 
 
मुंबई में रहने वाला करण (जय भानुशाली) अक्सर एक सपना देखता है जिससे वह परेशान है। वह एक बाबा के पास जाता है जो अपनी अनोखी विद्या से करण को उसके पिछले जन्म का दृश्य दिखाता है और करण को अपने सपने का रहस्य थोड़ा समझ आता है। 
करण को पता चलता है कि 300 वर्ष पहले लीला (सनी लियोन) श्रवण (रजनीश दुग्गल) से प्यार करती थी। एक मूर्तिकार भैरव (राहुल देव) लीला की खूबसूरती से प्रभावित होकर उसकी मूर्ति बनाना शुरू करता है और मूर्ति पूरी होते-होते लीला पर मर मिटता है। जब उसे पता चलता है कि श्रवण और लीला एक-दूसरे को चाहते हैं तो वह दोनों को अलग करने की सोचता है। 
 
वर्तमान में लीला का जन्म मीरा के रूप में होता है। भैरव और श्रवण भी जन्म लेते हैं। एक बार फिर उनके रास्ते एक-दूसरे से मिलते हैं। उनके वर्तमान जन्म का तार पिछले जन्म से किस तरह जुड़ता है यह फिल्म का सार है।
 
जोजो खान द्वारा लिखी स्क्रिप्ट बेहद सतही है और उसमें खास मेहनत नहीं की गई है। हालांकि दोनों जन्मों की कहानी को अच्छी तरह विभाजित किया गया है और कन्फ्यूजन की कोई गुंजाइश नहीं रखी है, लेकिन कहानी में मनोरंजन का अभाव है और दर्शकों को यह बांधकर नहीं रखती है। 
 
लेखक ने दो ट्वीस्ट के जरिये दर्शकों को चौंकाने की कोशिश की है। एक तो पिछले जन्म के हीरो और विलेन को नए जन्म में नए चेहरे दिए गए हैं जबकि हीरोइन का चेहरा वैसा ही रखा गया है। दूसरा ये कि पिछले जन्म के विलेन को वर्तमान जन्म में यह महसूस होता है कि वह पिछले जन्म का हीरो था। लेकिन ये दोनों ट्विस्ट खास प्रभावित नहीं कर पाते हैं बल्कि कई तरह के प्रश्न दिमाग में पैदा करते हैं। इस तरह की कुछ और खामियां स्क्रिप्ट में हैं।
 
फिल्म में कई ऐसे दृश्य हैं जो बोरियत पैदा करते हैं। खासकर दूसरे हाफ में। कई ऐसे सीन हैं जिसे देख लेखक की बुद्धि पर तरस आता है। जैसे मीरा को लंदन से भारत लाने के लिए लिखा गया प्रसंग बचकाना है।  

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फिल्म का निर्देशन बॉबी खान ने किया है। बॉबी ने लगभग ढाई घंटे की फिल्म बनाई है। इतनी देर तक दर्शकों को बड़े-बड़े निर्देशक बांध नहीं पाते हैं।  बॉबी के हाथ से ‍कई जगह फिल्म छूट गई है और वे दर्शकों का मनोरंजन करने में भी असफल रहे हैं। उनका सारा फोकस सनी लियोन पर रहा है। शायद उन्होंने मान लिया कि दर्शक सनी लियोन को ही देखने आएंगे लिहाजा सनी को ग्लैमरस और सेंसुअस तरीके से पेश करने में ही उन्होंने सारा जोर लगा दिया। हालांकि उनकी यह कोशिश कामयाब भी रही है, लेकिन वे यह भूल गए कि सनी के साथ अच्छी स्क्रिप्ट का होना भी आवश्यक है। साथ ही वे सनी लियोन से अभिनय भी नहीं करा पाएं।
सनी तब तक ही अच्छी लगती हैं जब तक वे मॉडलनुमा पोज देती हैं या अपनी कामुक अदाएं दिखाती हैं। जैसे ही वे संवाद बोलती हैं वैसे ही उनकी पोल खुल जाती है। सनी ने पूरी कोशिश की है, लेकिन अभी भी उन्हें एक्टिंग करना नहीं आता है। संवाद और चेहरे के भाव में मेल नहीं दिखता है। शराबी की एक्टिंग उन्होंने हास्यास्पद तरीके से की है। हां, तंग और छोटे कपड़ों में उन्होंने जमकर अंग प्रदर्शन किया है। 
 
जय भानुशाली को अभिनय की कोशिश करते देखना बोरियत भरा काम है। रजनीश दुग्गल,  मोहित अहलावत और राहुल देव ने अपने किरदार अच्छे से निभाए हैं। जस अरोरा ने भले ही ओवर एक्टिंग की हो, लेकिन थोड़ा-बहुत मनोरंजन करने में सफल रहे हैं। एहसान कुरैशी को सिर्फ द्विअर्थी संवाद बोलने के लिए रखा गया था। उनकी और एंडी की कॉमेडी चेहरे पर मुस्कान भी नहीं ला पाती हैं। 
 
फिल्म में तेरे बिन नहीं लागे, मैं हूं दीवाना तेरा जैसे कुछ गाने अच्छे हैं, लेकिन 'देसी लुक' और 'ढोली बाजे' के छोड़ अन्य गानों का पिक्चराइजेशन खास नहीं है। 
 
कुल मिलाकर 'एक पहेली लीला' उन लोगों के लिए जो सनी लियोन को निहारना चाहते हैं। वैसे उनके पास अन्य विकल्प भी मौजूद हैं। 
 
बैनर : टी-सीरिज सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज लि., पेपरडॉल एंटरटेनमेंट 
निर्माता : भूषण कुमार, कृष्ण कुमार, अहमद खान, शाइरा खान
निर्देशक : बॉबी खान
संगीत : मीत ब्रदर्स अंजान, अमल मलिक, डॉ. ज़ेयस, टोनी कक्कड़, उज़ैर जसवाल
कलाकार : सनी लियोन, जय भानुशाली, मोहित अहलावत, रजनीश दुग्गल, राहुल देव, जस अरोरा 
सेंसर सर्टिफिकेट : ए * 2 घंटे 24 मिनट 30 सेकंड्स
रेटिंग : 1.5/5 

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