द आर्चीज फिल्म समीक्षा: रंग-बिरंगी दुनिया की फीकी कहानी

समय ताम्रकर
शनिवार, 9 दिसंबर 2023 (18:39 IST)
अमेरिका की आर्ची कॉमिक्स दुनिया भर में मशहूर है। आर्ची एंड्रयू, जगहेड जोंस, बैटी कपूर, वेरोनिका लॉज जैसे कई किरदारों को लेकर फिल्में, टेलीविजन शो, कॉर्टून और वीडियो गेम बने हैं। ये सारे किरदार टीनएजर्स हैं और एक ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां सब कुछ रंग-बिरंगा है। निर्देशक ज़ोया अख्तर ने इन किरदारों को लेकर 'द आर्चीज़' नामक फिल्म बनाई है। 
 
ज़ोया, रीमा कगती और आयशा ढिल्लन ने इन किरदारों को लेकर रीवरडेल शहर को भारत में सेट किया है। समय 1964 का है। यह शहर एक फेयरी-टेल वर्ल्ड जैसा लगता है। लेखकों ने आर्ची कॉमिक्स के किरदारों के नाम और स्वभा‍व मिलते-जुलते रखे हैं, लेकिन कहानी लिखने में मात खा गए। ऐसी कहानी कोई साधारण इंसान भी सोच सकता है। जो पहले सूझा उस पर फिल्म बना दी गई। लिहाजा किरदार तो अपील करते हैं, लेकिन ठोस कहानी के अभाव में वे लड़खड़ाने लगते हैं। कुछ ट्रैक भी जोड़े गए हैं, लेकिन उनमें वो धार नहीं है। 


 
ज़ोया अख्तर ने बतौर निर्देशक माहौल तो बनाया है। वे एक अलग दुनिया में ले जाती हैं। फिल्म का मूड बेहद सॉफ्ट रखा है और फील गुड वाला फैक्टर को पैदा करने की कोशिश की है। फेयरी टेल स्टाइल में उन्होंने फिल्म की शूटिंग की है जो आंखों को सुकून भी देती है, लेकिन स्क्रिप्ट और फिल्म को पेश करने के तरीके में वे पीछे रह गईं। 
 
इस फिल्म की टारगेट ऑडियंस टीनएजर्स है, उसके लिए फ्रेंडशिप और रोमांस वाला ड्रामा ज्यादा अपील नहीं करता है। इस ट्रैक पर ज्यादा मेहनत की जरूरत थी। 
 
रिच किड्स और बॉलीवुड स्टार्स के परिवार के सदस्यों ने इस फिल्म से अपनी शुरुआत की है। अमिताभ बच्चन के नाती अगस्त्य नंदा ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। आर्ची के किरदार को उन्होंने पूरे आत्मविश्वास के साथ निभाया है। उनकी एक्टिंग देख लगता ही नहीं कि पहली बार वे फिल्म कर रहे हैं। आवाज और फेशियल एक्सप्रेशन उम्दा हैं। 

 
शाहरुख खान की बेटी सुहाना खान ने ने कैरेक्टर वेरोनिका को अच्छे से निभाया है। श्रीदेवी की बेटी खुशी कपूर निराश करती हैं। मिहिर आहूजा, डॉट और वेदांग रैना ने अपने-अपने किरदारों को सही एटीट्यूड से अदा किया है। विनय पाठक और अली खान सीनियर एक्टर के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं। 
 
फिल्म में कई गाने हैं, जो कहानी को तो आगे बढ़ाते हैं, लेकिन हिट गाने की कमी खलती है। फरहान अख्तर द्वारा लिखे गए संवाद शानदार हैं। कोरियोग्राफी बढ़िया है और डांस देखने लायक हैं। फिल्म की सिनेमाटोग्राफी, प्रोडक्शन डिजाइन और आर्ट डायरेक्शन लाजवाब है। 
 
'द आर्चीज़' विज्युअल अपील तो है, लेकिन कंटेंट के मामले में फिल्म फीकी पड़ गई है।

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