नई दिल्ली। इस वर्ष के केन्द्रीय बजट को लेकर आईसीआईसीआई बैंक की एम.डी. और सीईओ चंदा कोचर का कहना है कि बजट में वृद्धि को हासिल करने के साथ-साथ ही वित्तीय चतुराई को बनाए रखने का संतुलन बनाकर रखा गया है। इसमें सामाजिक-आर्थिक वरीयताओं के सभी क्षेत्रों पर पर्याप्त ध्यान दिया गया है और किसान, गरीब और समाज के वंचित तबके, बुनियादी सुविधाओं के विकास के साथ-साथ वित्तीय क्षेत्र को भी मजबूत करने के उपाय किए गए हैं।
वित्त मंत्री ने अपनी वरीयताओं को सही स्थान देते हुए बुनियादी क्षेत्र में निवेश और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का बढ़ावा देने के प्रयासों के साथ-साथ एक समावेशी वृद्धि और क्षमताओं में बढ़ोत्तरी पर ध्यान दिया है। बहुत सारे क्षेत्रों में पूंजी के खर्चों और निवेश संबंधी प्रस्तावों का असर न केवल अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा वरन इससे रोजगार के अवसरों के पैदा होने में तेजी आएगी और विकास का समावेशी मार्ग प्रशस्त होगा।
डिजीटल लेनदेन पर जोर देने से औपचारिक अर्थव्यवस्था के आकार में बढ़ोतरी होगी और भुगतान की व्यवस्था अधिक सुविधापूर्ण और सक्षम बनेगी। कर संबंधी जो उपाय किए गए हैं, उनसे प्रत्यक्ष करों को जुटाने में सुधार होगा, कर आधार बढ़ेगा और कर प्रशासन में बेहतरी आएगी। सक्षम शासन की मदद से सतत और समावेशी वृद्धि के समग्र उद्देश्य की नीति में निरंतरता एक स्वागत योग्य कदम है।