पार्टी ने कहा कि उसकी स्थापना 1951 में हुई थी और इसका नाम 1979 में बदला गया तथा यह अपने गठन के समय से चुनाव लड़ती रही है। पार्टी ने कहा कि वे प्रासंगिक कानूनों के अनुरूप समय-समय पर निर्वाचन आयोग से चुनाव चिह्न के लिए आवेदन करती रही है। याचिकाकर्ता ने कहा कि उसने आंध्रप्रदेश में 2024 के विधानसभा चुनावों में हिस्सा लिया था जिसके लिए उसे चुनाव चिह्न 'सितार' आवंटित किया गया था।