वित्तमंत्री अरुण जेटली ने पेश किया आर्थिक सर्वे, क्या है खास...

मंगलवार, 31 जनवरी 2017 (12:39 IST)
केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में आर्थिक सर्वे पेश करते हुए 2017-18 के लिए विकास के अनुमान प्रस्तुत करते हुए कहा कि... 

आर्थिक समीक्षा 2016-17 की मुख्य बातें...

* मौजूदा वित्त वर्ष में कृषि विकास दर 1.2 प्रतिशत से बढकर 4.1 प्रतिशत।
* वर्ष 2016-17 औद्योगिक क्षेत्र की विकास दर 7.4 प्रतिशत से घटकर 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान।
* वर्ष 2016-17 में बाजार मूल्यों पर आधारित जीडीपी की विकास दर 7.1 प्रतिशत।
* श्रम और टैक्स में सुधार की सिफारिश। 
* 2016-17 में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि घटकर 6.5 प्रतिशत पर आएगी। पिछले वित्त वर्ष में यह 7.6 प्रतिशत रही थी। 
 
* कृषि विकास की गति अच्छी। 
* नोटबंदी के बाद कृषि पर असर की समीक्षा अभी होनी बाकी है। 
* कच्चे तेल के दाम बढ़ने से बुरा असर।
 
* वित्तमंत्री अरुण जेटली ने रखा संसद के पटल पर आर्थिक सर्वे। 
* 2017-18 विकास दर अनुमान 6.75 से 7.50 का अनुमान। 
* सबको सस्ते घर देने के काम को बढ़ावा।
* रियर इस्टेट सेक्टर में दाम और गिरेंगे। 
* नकदी संकट अप्रैल के बाद खत्म हो जाएगा। 
* प्रॉपर्टी के दाम घटने का अनुमान।

*वित्त वर्ष 2017-18 में आर्थिक वृद्धि दर 6.75-7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान।
*वर्ष 2016-17 में वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहेगी।
*व्यक्तिगत आयकर की दरों, जमीन जायदाद पर स्टाम्प (पंजीकरण) शुल्क में कटौती की सिफारिश
*ऊंची आमदनी वाले सभी व्यक्तियों को धीरे-धीरे आयकर दायरे में लाकर आयकर का दायरा बढ़ाने का सुझाव *कॉरपोरेट कर की दरों में कटौती की रफ्तार तेज हो।
*मनमर्जी पर रोक तथा जवाबदेही बढ़ाने के लिए कर प्रशासन में सुधार किया जाएगा।
*नए नोटों की आपूर्ति बढने से वृद्धि दर सामान्य होगी।
*नोटबंदी का वृद्धि दर पर 0.25 से 0.50 प्रतिशत का असर होगा, लेकिन दीर्घावधि में इससे लाभ होगा।
*जीएसटी तथा अन्य बुनियादी सुधारों से वृद्धि दर 8 से 10 प्रतिशत पर पहुंचेगी।
*प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना तथा कच्चे तेल की निचली कीमतों से राजकोषीय मोर्चे पर अप्रत्याशित लाभ होगा।
*चालू वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 4.1 प्रतिशत रहेगी। पिछले साल यह 1.2 प्रतिशत रही थी।
*जीएसटी से वित्तीय लाभ मिलने में समय लगेगा।
*चालू वित्त वर्ष में औद्योगिक क्षेत्र की वृद्धि दर घटकर 5.2 प्रतिशत पर आएगी, जो पिछले वित्त वर्ष में 7.4 प्रतिशत पर थी।

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