महानगरों में संपत्ति कर बढ़ाने का प्रस्ताव

नई दिल्ली। सरकार ने महानगरों में बुनियादी ढांचे के विकास तथा जल निकासी, पेय जल, सार्वजनिक परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली आपूर्ति जैसी सुविधाएं बढ़ाने के लिए संपत्ति कर में वृद्धि का प्रस्ताव किया है।
       
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा मंगलवार को संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17 में कहा है कि महानगरीय स्‍तर पर संपत्ति कर का दोहन अतिरिक्‍त राजस्‍व सृजन के लिए किया जा सकता है। 
      
सर्वेक्षण में कहा गया है कि शहरी स्‍थानीय इकाइयों का मुख्य दायित्‍व शहरों का विकास और सेवा प्रदान करना है, लेकिन ये बड़े बुनियादी ढांचे की कमी, अपर्याप्‍त वित्‍त और खराब प्रशासन की क्षमता से संबंधित बड़ी समस्‍याओं से जूझ रही हैं। प्रत्‍येक महानगर पानी, बिजली आपूर्ति, अपशिष्‍ट प्रबंधन, सार्वजनिक परिवहन,शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य सेवा और प्रदूषण की समस्‍या से संबंधित चुनौतियों का सामना कर कर रहा है।
        
सर्वेक्षण के अनुसार, बेहतर सेवा आपूर्ति और संसाधनों, स्‍व राजस्‍व, कर्मचारियों की संख्‍या और प्रति व्‍यक्ति पूंजी व्‍यय के बीच गहरा संबंध है। संपत्ति कर के क्षेत्र में बड़ी संभावना है और महानगर के स्‍तर पर अतिरिक्‍त राजस्‍व सृजन के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। 
 
सर्वेक्षण में कहा गया है कि बेंगलुरु पांच प्रतिशत और जयपुर 20 प्रतिशत से अधिक संभावित संपत्ति कर की वसूली नहीं कर रहे हैं। (वार्ता)

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