South Pole of Moon : अंतरिक्ष में बुधवार को भारत ने इतिहास रच दिया है। चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3 Successful Landing) ने चांद के दक्षिणी ध्रुव सफलतापूर्वक लैंडिंग कर ली है। चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3 Landing on Lunar South Pole) के साथ ही भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर यान उतारने वाला पहला देश बन गया है जबकि चांद के किसी भी हिस्से में सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया।
भारत से पहले अमेरिका, सोवियत संघ (अभी रूस) और चीन ही चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर पाए हैं। चांद पर पहुंचकर चंद्रयान-3 ने मैसेज भेजा- मैं अपनी मंजिल पर पहुंच गया हूं। चंद्रयान-3 का लैंडर बुधवार शाम 6 बजकर 4 मिनट पर उतरा था। इसके 2 घंटे और 26 मिनट बाद रोवर भी लैंडर से बाहर आ गया। रोवर छह पहियों वाला रोबोट है।
14 दिन तक करेगा रिचर्स : चंद्रयान-3 की चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग के बाद अब रोवर मॉड्यूल इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा दिए गए 14 दिवसीय कार्य शुरू करेगा। ISRO के अनुसार, लैंडर और रोवर में पांच वैज्ञानिक उपक्रम (पेलोड) हैं जिन्हें लैंडर मॉड्यूल के भीतर रखा गया है।
मिशन 14 दिन का क्यों : इसरो के अनुसार रोवर 14 दिनों तक चांद के साउथ पोल पर रिसर्च करेगा। चांद पर धरती के 14 दिन के बराबर एक ही दिन होता है. ऐसे में साउथ पोल पर लैंड करने के बाद रोवर के पास काम खत्म करने के लिए केवल 14 दिनों का समय होगा। इस दौरान चांद पर धूप रहेगी और दोनों को सोलर एनर्जी मिलती रहेगी। 14 दिन बाद साउथ पोल पर अंधेरा हो जाएगा। फिर लैंडर-रोवर दोनों ही काम करने बंद कर देंगे।