Chandrayaan -3 : लैंडिंग के 2 घंटे 26 मिनट बाद VikramLander से बाहर आया PragyanRover, 14 दिन तक करेगा रिसर्च

Webdunia
गुरुवार, 24 अगस्त 2023 (00:36 IST)
South Pole of Moon :  अंतरिक्ष में बुधवार को भारत ने इतिहास रच दिया है। चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3 Successful Landing) ने चांद के दक्षिणी ध्रुव सफलतापूर्वक लैंडिंग कर ली है।  चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3 Landing on Lunar South Pole) के साथ ही भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर यान उतारने वाला पहला देश बन गया है जबकि चांद के किसी भी हिस्से में सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया। 
ALSO READ: Chandrayaan - 3 की सफलता के बाद अब मंगल पर उतरेगा ISRO का यान, सोमनाथ का बड़ा बयान
भारत से पहले अमेरिका, सोवियत संघ (अभी रूस) और चीन ही चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर पाए हैं। चांद पर पहुंचकर चंद्रयान-3 ने मैसेज भेजा- मैं अपनी मंजिल पर पहुंच गया हूं। चंद्रयान-3 का लैंडर बुधवार शाम 6 बजकर 4 मिनट पर उतरा था। इसके 2 घंटे और 26 मिनट बाद रोवर भी लैंडर से बाहर आ गया। रोवर छह पहियों वाला रोबोट है।
ALSO READ: Chandrayaan-3 का vikram lander काम में जुटा, भेजा संदेश- मैं अपनी मंजिल पर पहुंच गया, ISRO ने जारी की तस्‍वीरें
14 दिन तक करेगा रिचर्स : चंद्रयान-3 की चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग के बाद अब रोवर मॉड्यूल इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा दिए गए 14 दिवसीय कार्य शुरू करेगा। ISRO  के अनुसार, लैंडर और रोवर में पांच वैज्ञानिक उपक्रम (पेलोड) हैं जिन्हें लैंडर मॉड्यूल के भीतर रखा गया है।
 
लैंडर और रोवर दोनों का जीवन काल एक-एक चंद्र दिवस है जो पृथ्वी के 14 दिन के समान है। इसके व्हील चांद की मिट्‌टी पर अशोक स्तंभ और ISRO के लोगो की छाप छोड़ेंगे। फिर 'विक्रम' लैंडर 'प्रज्ञान की फोटो खींचेगा और प्रज्ञान विक्रम की तस्वीर लेगा। ये फोटो वे पृथ्वी पर भेजेंगे।
ALSO READ: 54 साल में 34 देशों के 417 सैटेलाइट्स, 116 स्पेसक्राफ्ट और 86 लॉन्च मिशन, अब चांद पर भारत, ये है ISRO की गौरव गाथा
मिशन 14 दिन का क्यों : इसरो के अनुसार रोवर 14 दिनों तक चांद के साउथ पोल पर रिसर्च करेगा। चांद पर धरती के 14 दिन के बराबर एक ही दिन होता है. ऐसे में साउथ पोल पर लैंड करने के बाद रोवर के पास काम खत्म करने के लिए केवल 14 दिनों का समय होगा। इस दौरान चांद पर धूप रहेगी और दोनों को सोलर एनर्जी मिलती रहेगी। 14 दिन बाद साउथ पोल पर अंधेरा हो जाएगा। फिर लैंडर-रोवर दोनों ही काम करने बंद कर देंगे।  
<

Chandrayaan-3 Mission:
Updates:

The communication link is established between the Ch-3 Lander and MOX-ISTRAC, Bengaluru.

Here are the images from the Lander Horizontal Velocity Camera taken during the descent. #Chandrayaan_3#Ch3 pic.twitter.com/ctjpxZmbom

— ISRO (@isro) August 23, 2023 >
कैमरे की सहायता से प्रयोग :  चंद्रयान-3 के रोवर पर लगे दो कैमरे नोएडा के एक प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप के सॉफ्टवेयर का उपयोग कर उसकी सतह का अन्वेषण करेंगे।
 
चंद्रयान के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ निकटता से काम कर रही ‘ओम्नीप्रेजेंट रोबोट टेक्नोलॉजीस’ ने प्रज्ञान रोवर के लिए ‘पर्सेप्शन नेविगेशन सॉफ्टवेयर’ विकसित किया है जो विक्रम लैंडर मॉडयूल में लगा है, जिसने   चंद्रमा की सतह को छूआ।
 
कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आकाश सिन्हा ने कि ‘‘हम प्रज्ञान रोवर को हमारे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर चंद्रमा की सतह पर घूमते हुए देखने के लिए बहुत उत्साहित हैं।’’
 
सिन्हा शिव नाडर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर भी हैं। उन्होंने कहा कि उनके स्टार्टअप द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर रोवर पर लगे दो कैमरों का इस्तेमाल कर चंद्रमा की तस्वीरें लेगा और चंद्रमा के परिदृष्य का 3-डी मानचित्र बनाने के लिए उन्हें एक साथ जोड़ेगा।
उन्होंने बताया कि यह सॉफ्टवेयर रोवर में समाहित है और इमेज प्रोसेसिंग अंतरिक्षयान में की जाएगी। अंतिम 3डी मॉडल मिशन नियंत्रण कक्ष में भेजा जाएगा।
 
सिन्हा ने बताया कि मिशन नियंत्रण कक्ष में वैज्ञानिक इस रोवर को सॉफ्टवेयर की मदद से तैयार किए गए चंद्रमा की सतह के 3डी मॉडल के आधार पर उस क्षेत्र के दौरे पर ले जा सकते हैं जिसकी तस्वीरें कैद की जा चुकी होंगी।
 
उन्होंने कहा कि यह सॉफ्टवेयर मूल रूप से चंद्रयान-2 के लिए विकसित किया गया था लेकिन तब रोवर को सतह पर नहीं उतारा जा सका था। अब इसका चंद्रयान-3 के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।’’ सिन्हा ने कहा कि प्रज्ञान रोवर इन दो आंखों से चंद्रमा के आसपास अपना रास्ता तलाश कर लेगा।’’
 
विदेशी अंतरिक्ष एजेंसियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले अत्यधिक महंगे कैमरों के मुकाबले प्रज्ञान रोवर में केवल दो कैमरों का इस्तेमाल किया गया है जो सॉफ्टवेयर द्वारा चंद्रमा की सतह का 3डी मानचित्र बनाते वक्त उसकी आंखों के रूप में काम करते हैं। एजेंसियां  Edited By : Sudhir Sharma