पुनिया ने यह भी कहा कि पार्टी सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी और विधायकों की राय के आधार पर पार्टी आलाकमान मुख्यमंत्री का फैसला करेगा। बसपा के साथ गठबंधन पर पुनिया ने कहा कि बातचीत चल रही है, हालांकि अभी सीटों को लेकर सहमति नहीं बन पाई है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने बातचीत में कहा कि कुछ लोग जोगी फैक्टर की बात कर रहे हैं लेकिन हमारा मानना है कि जोगी कोई फैक्टर नहीं हैं। उन्होंने दावा किया कि अगर वे थोड़ा-बहुत नुकसान भी करेंगे तो कांग्रेस का नहीं, बल्कि भाजपा का नुकसान करेंगे। पहले वे कांग्रेस में रहते हुए भाजपा को वोट दिलवाते थे, लेकिन इस बार खुद के लिए वोट मांग रहे हैं। ऐसे में नुकसान भाजपा को ही होगा।
दरअसल, जोगी की पार्टी 'छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस' पहली बार चुनावी मैदान में है। जानकारों का मानना है कि जोगी की पार्टी कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकती है। छत्तीसगढ़ के वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 43.33 फीसदी वोट शेयर के साथ 39 सीटें जीती थीं और भाजपा ने 54.44 फीसदी वोट शेयर के साथ 49 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी की थी। दूसरी तरफ बसपा ने साल 2013 के चुनाव में सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे और उसे महज 1 सीट ही हाथ लगी थी। उसका वोट शेयर 4.27 फीसदी रहा था।
मुख्यमंत्री रमन सिंह के खिलाफ कांग्रेस के चेहरे के सवाल पर पुनिया ने कहा कि हमारे पास कई नेता हैं। हम सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे। चुनाव के बाद नेताओं के प्रदर्शन और विधायकों की राय के आधार पर पार्टी नेतृत्व मुख्यमंत्री का फैसला करेगा। बसपा के साथ गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर पुनिया ने कहा कि बसपा के साथ प्रदेश नेतृत्व के स्तर पर बातचीत जारी है। अभी सीटों को लेकर सहमति नहीं बनी है। सहमति बनने के साथ ही गठबंधन की घोषणा कर दी जाएगी। (भाषा)