नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्रमंडल खेल 2022 से वापस लौटे खिलाड़ियों से मुलाकात कर उन्हें बधाई दी।
मोदी ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा, “बीते कुछ हफ्तों में देश ने खेल के मैदान में दो बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। राष्ट्रमंडल खेलों में ऐतिहासिक प्रदर्शन के साथ-साथ देश ने पहली बार शतरंज ओलंपियाड का आयोजन किया है। हमने न सिर्फ आयोजन किया बल्कि शतरंज में अपनी श्रेष्ठ परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अच्छा प्रदर्शन भी किया है। मैं राष्ट्रमंडल खेलों के साथ-साथ ओलंपियाड में पदक जीतने वालों को बधाई देता हूं।”उन्होंने कहा, “जिन्होंने पदक जीता वे भी, और जो आगे पदक जीतने वाले हैं वे भी आज प्रशंसा के पात्र हैं।”
राष्ट्रमंडल खेल 2022 का आयोजन इंग्लैंड के पश्चिमी मिडलैंड क्षेत्र के बर्मिंघम शहर में किया गया था। भारत और इंग्लैंड के समय में चार घंटे से ज्यादा का फर्क है, जिसकी वजह से आयोजन भारतीय समयानुसार देर रात तक चलता था।
खेल प्रेमियों को जगाए रखा
मोदी ने कहा, “आप सभी जब वहां मुकाबला कर रहे थे, हिन्दुस्तान में करोड़ों भारतीय रतजगा कर रहे थे। देर रात तक आपके हर एक्शन पर देशवासियों की नज़रें थीं। कितने ही लोग बार-बार जाकर स्कोर चेक करते थे। खेलों के प्रति आकर्षण बढ़ाने में आप सब की भूमिका है और आप सभी बधाई के पात्र हैं”
कम अंतर से पदक न पाने वाले करेंगे सुधार
मोदी ने कहा, “इस बार हमारे प्रदर्शन का इमानदार आंकलन सिर्फ पदकों की संख्या से करना सही नहीं है। हमारे कई खिलाड़ी कांटे की टक्कर देकर आये, जो पदक से कम नहीं है। जो 0.1 सेंटीमीटर, 0.1 सेकंड का फासला रह गया उसमें हम सुधार कर लेंगे। यह मेरा आप पर विश्वास है।”
भारतीय दल ने बर्मिंघम 2022 में अपने मजबूत क्षेत्रों में सफलता हासिल करने के साथ-साथ नये खेलों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीमों ने जहां रजत एवं कांस्य पदक हासिल किया, वहीं लॉन बॉल्स में भी भारत ने एक स्वर्ण व एक रजत पदक जीता।
मोदी ने कहा, “हॉकी में जिस प्रकार हम अपनी विरासत को फिर हासिल कर रहे हैं, मैं दोनों टीमों की उसके लिये सराहना करता हूं। पिछली बार की तुलना में इस बार हमने चार नये खेलों में जीत का रास्ता बनाया है। लॉन बॉल्स से लेकर टेबल टेनिस तक हमने जीत हासिल की। इसकी बदौलत युवाओं का खेलों में रुझान बढ़ने वाला है।”
प्रधानमंत्री ने अनेकों स्वतंत्रता सेनानियों की मिसाल देते हुए कहा कि भारतीय खिलाड़ी भी उसी भावना के साथ मैदान में उतरते हैं। उन्होंने कहा कि वे अपना गांव, जिले या भाषा की परवाह किये बिना भारत के मान, अभिमान और देश की प्रतिष्ठा के लिये अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं।