सीएसआईआर- जिनोमिकी और समवेत जीव विज्ञान संस्थान (आईजीआईबी), नई दिल्ली तथा चिकित्सा विज्ञान संस्थान (आईएमएस) एवं एसयूएम अस्पताल, भुवनेश्वर के विशेषज्ञों ने इसकी पड़ताल की है।
उन्होंने बताया कि आईएमएस और एसयूएम अस्पताल के अनुसंधानकर्ता भी सीक्वेंस का काम कर रहे हैं और हल्के, मध्यम और गंभीर स्तर के संक्रमण को समझने के लिए 500 वायर जीनोम का विश्लेषण कर रहे हैं। इससे संक्रमण के प्रसार को भी जानने में मदद मिलेगी।
दास ने कहा कि इस अध्ययन से पूर्वी भारत खासकर ओड़िशा ओडिशा में वायरस के स्वरूप के असर, नुकसान और प्रसार को समझने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर कोविड-19 के तेजी से हुए प्रसार को देखते हुए इसके निदान के लिए सार्स-कोविड-दो के जीनोम को जानना जरूरी है। (भाषा)