स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जिन 10 जिलों में सर्वाधिक उपचाराधीन मामले हैं, उनमें पुणे (59,475), मुंबई (46,248), नागपुर (45,322), ठाणे (35,264), नासिक (26,553), औरंगाबाद (21,282), बेंगलुरु नगरीय (16,259), नांदेड़ (15,171), दिल्ली (8,032) और अहमदनगर (7,952) शामिल हैं। उन्होंने कहा कि तकनीकी रूप से दिल्ली में कई जिले हैं, लेकिन इसे एक जिले के रूप में लिया गया है।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने कहा कि कोविड-19 संबंधी स्थिति बद से बदतर हो रही है। पिछले कुछ सप्ताहों में, खासकर कुछ राज्यों में, यह एक बड़ी चिंता विषय है। किसी भी राज्य, देश के किसी भी हिस्से या जिले को लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हम काफी अधिक गंभीर स्थिति का सामना कर रहे हैं, निश्चित तौर पर कुछ जिलों में। लेकिन पूरा देश जोखिम में है, इसलिए रोकने (संक्रमण के प्रसार को) और जीवन बचाने के सभी प्रयास किए जाने चाहिए।
संक्रमण दर के मुद्दे पर भूषण ने कहा कि महाराष्ट्र में पिछले सप्ताह औसत संक्रमण दर 23 प्रतिशत थी। इसके बाद पंजाब में 8.82 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 8.24 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 7.82 प्रतिशत, तमिलनाडु में 2.5 प्रतिशत, कर्नाटक में 2.45 प्रतिशत, गुजरात में 2.22 प्रतिशत और दिल्ली में औसत संक्रमण दर 2.04 प्रतिशत थी। पूरे देश में पिछले सप्ताह औसत संक्रमण दर 5.65 प्रतिशत थी।
उन्होंने कहा कि शनिवार को, हमने इन राज्यों के साथ बैठक की और 47 जिलों के साथ भी चर्चा हुई। हमने उनसे जांच की संख्या बढ़ाने और आरटी-पीसीआर जांच पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया। स्क्रीनिंग के लिए और घनी आबादी वाले उन क्षेत्रों में, जहां मामले क्लस्टर के रूप में सामने आ रहे हैं, रैपिड एंटीजन जांच का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
वायरस के स्वरूपों के बारे में स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि 10 प्रयोगशालाओं ने दिसंबर से अब तक 11064 नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग की है जिनमें से 807 नमूनों में ब्रिटेन में मिला कोरोना वायरस का नया स्वरूप पाया गया, 47 नमूनों में वायरस का दक्षिण अफ्रीकी स्वरूप मिला तथा एक नमूने में वायरस का ब्राजीलियाई स्वरूप मिला। (भाषा)