बीजिंग/ लंदन। दुनियाभर में कोविड-19 की वैक्सीन को लेकर लगातार ट्रायल चल रहे हैं। कई कंपनियों ने अपनी वैक्सीन के सफल होने के दावे भी किए हैं। इस बीच दुनिया को कोरोनावायरस का जख्म देने वाले चीन ने कोरोनावायरस की सुपरवैक्सीन बनाने का दावा किया है। चीन ने कहा कि यह वैक्सीन 10 लाख लोगों को दी जा चुकी है, लेकिन किसी में कोई गंभीर साइडइफेक्ट नहीं दिखा है। इस टीके को लगवाने वाले सौ फीसदी लोगों के कोरोना से संक्रमित नहीं होने के कई उदाहरण दिए हैं इसलिए इससे सुपर वैक्सीन बताया जा रहा है।
खबरों के अनुसार चीनी कंपनी सिनोफार्म द्वारा बनाए गए इस टीके के परीक्षण का आखिरी ट्रायल अभी नहीं पूरा हो पाया है, लेकिन चीन की सरकार ने आपात स्थिति में इस प्रायोगिक टीके को मरीजों को लगाने की इजाजत दे दी है। चीन की दिग्गज दवा कंपनी सिनोफार्म के चेयरमैन लियू जिंगजेन ने कहा कि जिन लोगों को वैक्सीन दी गई है उनमें गंभीर विपरीत प्रभाव नहीं दिखे, कुछ लोगों ने केवल मामूली परेशानी की शिकायत की।
अध्ययन में बताया गया है कि पिछले 6 महीने में संक्रमित हुए अधिकतर लोगों को दोबारा कोविड-19 होने की संभावना नहीं है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के नफील्ड डिपार्टमेंट ऑफ पॉपुलेशन हेल्थ के प्रोफेसर डेविड आयरे ने कहा कि यह वाकई अच्छी खबर है क्योंकि हम भरोसा कर सकते हैं कि कोविड-19 ग्रस्त हो चुके अधिकतर लोग कम से कम कुछ समय के लिए दोबारा संक्रमित नहीं होंगे।
शोधपत्र प्रकाशन के पूर्व के चरणों में है और इसके लेखकों में शामिल आयरे ने कहा कि इस अध्ययन में बड़ी संख्या में स्वास्थ्यकर्मियों को शामिल किया गया। इसमें सामने आया है कि कोविड-19 कम से कम 6 महीने तक अधिकतर लोगों को पुन: संक्रमण से बचाता है। जिन प्रतिभागियों में एंटीबॉडी पाए गए, उनमें से किसी को लक्षण के साथ कोई संक्रमण नहीं दिखाई दिया।(एजेंसियां)