भोपाल। मध्यप्रदेश में पहले चरण के वैक्सीनेशन के लिए कल सुबह सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन कोविशील्ड बुधवार सुबह भोपाल पहुंचेगी। प्रदेश में पहले चरण में चार लाख 16 हजार कोरोना वारियर्स का वैक्सीनेशन होगा। मध्यप्रदेश में पहले चरण के टीकाकरण के लिए पांच लाख डोज मिले है। जिसमें चार लाख अस्सी हजार कोविशील्ड वैक्सीन है।
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कोविशील्ड वैक्सीन की पहले खेप बुधवार सुबह भोपाल पहुंच जाएंगी। कोरोना वैक्सीन के पहले चरण का वैक्सीनेशन की पहली डोज देने में पांच दिन और दूसरी डोज देने में चार दिन का समय लगेगा। कोरोना वैक्सीन के संग्रहण के लिए भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में राज्य स्तर के स्टोर्स बनाए गए हैं। वैक्सीन को 24 घंटे के भीतर सभी जिला टीका केंद्रों में उसे ले जाने की व्यवस्था भी कर ली गई है।
वहीं कोरोना वैक्सीन को लेकर उठ रहे सवालों के बीच मध्यप्रदेश सरकार ने साफ किया है कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन को लेकर किसी भी प्रकार का भ्रम नहीं रहे इसके लिए सभी मंत्री और मुख्यमंत्री टीकाकरण के तीसरे चरण में आम जनता के साथ वैक्सीन लगवाएंगे। ALSO READ: Corona Vaccine कोविशील्ड और कोवैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद वैक्सीनेशन से जुड़े आपके 10 सवाल
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश के कुछ लोग कोशिश कर रहे है कि वैक्सीन को लेकर भ्रम फैले इसलिए वह लोगों से आग्रह कर रहे है कि वैक्सीन को लेकर किसी भी प्रकार के भ्रम में न पड़े। अगर वैक्सीन लगने के बाद कोई साइड इफेक्ट होते है तो वह भी अन्य वैक्सीन के लगने के बाद होने वाले साइड इफेक्ट की तरह ही है। प्रदेश के सभी नागरिकों से विशेष आग्रह है कि वे वैक्सीन को लेकर किसी भी प्रकार के भ्रम या बहकावे में नहीं आएं। वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित और वैज्ञानिकों द्वारा प्रमाणित है। ALSO READ: मध्यप्रदेश में लोगों तक कैसे पहुंचेगी कोरोना वैक्सीन,स्टोरेज से वैक्सीनेशन तक का Exclusive प्लान
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सिन पर उठ रहे सवाल के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना की दोनों वैक्सीन 'कोवीशील्ड' एवं 'कोवैक्सीन' को पूरी तरह सुरक्षित बताया हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सीन शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करते हैं तथा एंटीबॉडीज बनाते हैं। इन्हें लगवाने में किसी भी प्रकार का संदेह नहीं होना चाहिए। भारत के वैज्ञानिक समूह ने भी इस बात को प्रमाणित किया है। इस संबंध में कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का भ्रम अथवा अफवाह न फैलाए।