उन्होंने दावा किया, एक मोटे अनुमान के अनुसार मध्य प्रदेश के प्रत्येक जिले में अब तक 3,000 से अधिक मौतें हो चुकी है। ऑक्सीजन की कमी, दवाई एवं रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी, अस्पतालों की अव्यवस्था और पैरामेडिकल स्टफ और डॉक्टरों की कमी के चलते असमय हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। पटवारी ने दावा किया, जिला स्तर पर मौत के इन आंकड़ों की भयावह स्थिति की तुलना करें तो पूरे प्रदेश में एक लाख से ज्यादा मौतें कोरोना महामारी से हो चुकी हैं।